जिला कारागार में महिला बन्दियों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन सम्पन्न

जिला कारागार में महिला बन्दियों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन सम्पन्न

PRAKASH PEABHAW NEWS

रिपोर्ट-अभिषेक बाजपेयी



जिला कारागार में महिला बन्दियों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन सम्पन्न

रायबरेली-उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अब्दुल शाहिद के दिशा-निर्देशन में जिला कारागार, रायबरेली में महिलाओं के विधिक अधिकार एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) विषय पर जिला कारागार, रायबरेली में महिला बन्दियों के लिए जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिला दिवस के अवसर को ‘‘महिला पखवारा’’ के रुप में मनाने का निर्देश दिया गया है जिस अनुक्रम में उक्त शिविर महिला बन्दियों हेतु आयोजित किया गया।
 
कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए कोविड-19 के द्वितीय चरण से बचाव के लिए मास्क का प्रयोग व दो गज की दूरी का अनुपालन करने हेतु जागरुक किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मयंक जायसवाल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली द्वारा की गयी। सचिव द्वारा शिविर में उपस्थित महिला बन्दियों को महिला दिवस की पूर्व संध्या पर महिला दिवस की बधाई दी गयी।

महिला बन्दियों को संबोधित करते हुए बताया कि महिलाओं को अपने समय का उचित उपयोग करते हुए जेल प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता करना चाहिए एवं नये-नये हुनर सीखने चाहिए जिससे की जेल से छूटने के बाद जेल से सीखे हुए हुनर की बदौलत वो अपने व समाज का भला कर सके। शिविर में जेल प्रशासन द्वारा स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से आयोजित किये जा रहे स्वालबंन कार्यक्रमों की सराहना करते हुए महिला बन्दियों को प्रोत्साहित किया गया कि वह अधिक से अधिक संख्या में उक्त कार्यक्रम का लाभ उठाये और नई-नई प्रतिभाये सीखने व उन प्रतिभाओं में पारगंत बनते हुए अपनी अजीविका का स्त्रोत बनाये।

जेल प्रशासन द्वारा योग प्रशिक्षण का कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बन्दियों का सहयोग आवश्यक रुप से होना चाहिए। समाज में महिलाएं आज भी अशिक्षा के कारण बहुत पिछड़ी है इसलिए बेटियों को पढ़ाने की अत्यधिक जरुरत है। प्रभारी अधीक्षक द्वारा महिला बन्दियों के शिक्षा के प्रति विशेष रुचि लेते हुए यह आश्वासन दिया गया कि वह उन महिला बन्दियों  की शिक्षा का प्रबन्ध करेगें जो कि शिक्षा के प्रति उत्सुक है। शिविर में इस बात पर जोर दिया गया कि जेल में हताश-निराश न रहते हुए सकारात्मक मानसिकता से जीवन यापन करना चाहिए। सचिव द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) व मुखबिर योजना के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी।

उ0प्र0 सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी। रिसोर्स पर्सन महिला अधिवक्ता शैलजा सिंह द्वारा अपने वक्तव्य में कानून से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान करते हुए महिला बन्दियों को आश्वस्त किया गया कि किसी भी प्रकार की विधिक सहायता हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय को जेल में स्थापित लीगल ऐड क्लीनिक के माध्यम से निःसंकोच सम्पर्क करें। जागरुकता शिविर में प्रभारी कारापाल अनिल कुमार विश्वकर्मा तथा उपकारापाल वन्दना गौतम एवं कुंवर वीरेन्द्र विक्रम सिंह के साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली की रिसोर्स पर्सन महिला अधिवक्ता शैलजा सिंह, पराविधिक स्वयं सेवक पवन कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे।

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