महानायक के किस बात से आस जगी उनके पैतृक गांव बाबू पट्टी के लोगों की

महानायक के किस बात से आस जगी उनके पैतृक गांव बाबू पट्टी के लोगों की

प्रतापगढ़ 


22.10.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी 


महानायक के किस बात से आस जगी उनके पैतृक गांव बाबूपट्टी के लोगों की


  सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने प्रतापगढ़ में अपने पैतृक गांव बाबूपट्टी आने की इच्छा जताई है।केबीसी के सेट पर उन्होंने बताया कि परिवार में इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है. बताया जा रहा है कि 'बिग बी' गांव में स्कूल या अस्पताल भी बनवा सकते हैं। वर्ष 2006 में अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन बाबूपट्टी गांव आयीं थी। जहां उन्होंने 'बिग बी' के पिता हरिवंश राय बच्चन की याद में अपनी सांसद निधि से बनाये गए पुस्तकालय का लोकार्पण किया था।

बिग बी ने भी जताई पैतृक गांव जाने की इच्छा।अमिताभ बच्चन ने अपने पैतृक गांव आने और यहां पर स्कूल या अस्पताल खोलने की बात भी कही। जिससे गांव में रह रहे उनके परिजन काफी खुश हैं। 'बिग बी' की भाभी ने बताया कि जब जया बच्चन यहां आईं थीं तो परिवार की परंपरा के मुताबिक गांव की देवी के चबूतरे पर पूजा की थी इस मौके पर जया बच्चन के चचिया ससुर शारदा प्रसाद ने पूजन के बाद मुंह दिखाई में उन्हें मुकुट दिया था।इंतजार करते रहे साल बीतते रहे'बिग बी' परिजनों ने  बताया कि जया बच्चन ने जाते समय वादा किया था कि अगली बार बहू और बेटे के साथ आऊंगी, लेकिन परिवार के लोग अब तक इंतजार करते रहे। अब जब 'बिग बी' ने केबीसी के सेट से घोषणा की तो परिजनों में एक बार फिर पूरे परिवार के साथ समय बिताने की आस जगी है। 'बिग बी' के भतीजे ने बताया कि हरिवंश जी ने अपनी रचना 'क्या बोलूं क्या याद करुं' में पेज नम्बर 18 से 25 तक बाबूपट्टी और गांव का जिक्र किया है. जिसमे जब गांव से लोग पैदल गंगा स्नान करने जाते थे तो पहले उनके यहां ही रुकते थे। उन्होंने लिखा है कि चाहे या अनचाहे हो बाबूपट्टी के लिए दरवाजा हमेशा खुला रहता था और लोग गांव से चना, होरहा जो भी चीजें होती थी लोग लेकर आते थे और बच्चन जी बड़े चाव से खाते थे।

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