डॉ अजित शुक्ल द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन 25 दिसंबर को

डॉ अजित शुक्ल द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन 25 दिसंबर को

प्रतापगढ 



20.12.2021




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



डॉ अजित शुक्ल द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन 25 दिसंबर को





 राष्ट्र के चर्चित कवि एवं उपन्यासकार "भगवती चरण वर्मा के उपन्यासों में भारतीय जीवन के विविध आयाम" का विमोचन आगामी 25 दिसंबर, 2021 (शनिवार) को पूर्वान्ह 11:00 बजे  वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व प्राचार्य  गुरुबचन सिंह 'बाघ' के ग्राम हुसेनपुर (निकट लालगंज अझारा) स्थित निवास पर आयोजित "विमोचन समारोह एवं कवि सम्मेलन"के कार्यक्रम में किया जाएगा।  

       स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर के महामंत्री डॉ अजित शुक्ल द्वारा लिखित पुस्तक " भगवती चरण वर्मा के उपन्यासों में भारतीय जीवन के विविध आयाम(एक आलोचनात्मक अध्ययन)*

 " का विमोचन,  छत्तीसगढ़ की साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य परिषद के अध्यक्ष डॉ० राजा राम त्रिपाठी के करकमलों द्वारा संपन्न होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता उ० प्र० प्रौढ़ शिक्षा के पूर्व निदेशक पंडित भवानी शंकर उपाध्याय करेंगे तथा  राष्ट्रीय संग्रहालय प्रयागराज के वित्त नियामक डॉ राघवेंद्र सिंह मुख्य अतिथि होंगे।

       इस पुस्तक में डॉ अजित शुक्ल ने भगवती चरण वर्मा द्वारा लिखे गए "चित्रलेखा", "तेढ़े मेढ़े रास्ते", "भूले बिसरे चित्र", "सामर्थ्य और सीमा", "युवराज चूण्डा", "सबहिं नचावत राम गुसाईं", "धुप्पल" एवं "चाणक्य"      आदि उपन्यासों का विशेष अध्ययन करके निचोड़ निकालने का प्रयास किया है।

     डॉ अजित शुक्ल के अनुसार भगवती चरण वर्मा के उपन्यासों में पाप और पुण्य की समस्या पर आधारित  कथा से भरपूर "चित्रलेखा" उपन्यास, उनके जीवन का सर्वोत्तम एवं लोकप्रिय उपन्यास माना गया है।  अन्य उपन्यासों का विशेष अध्ययन करने के पश्चात आलोचनात्मक दृष्टि से डॉक्टर शुक्ल इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि महान कवि और लेखक भगवती चरण वर्मा के उपन्यासों में बने बनाए रूप विन्यास और किस्सागोई की नई शैली एवं कथावस्तु का नया विस्तार  देखने को मिलता है।

       स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर के बैनर तले आयोजित "विमोचन समारोह एवं कवि सम्मेलन" की सफलता के लिए मंडल के यशस्वी अध्यक्ष अर्जुन सिंह एवं आयोजक गुरुबचन सिंह 'बाघ' एवं प्रेसप्रवक्ता परशुराम उपाध्याय 'सुमन' ने मंडल सहित जनपद के नामचीन साहित्यकारों एवं क्षेत्र के हिंदीप्रेमी बुद्धिजीवियों को आमंत्रित करते हुए आशा व्यक्त की है कि विद्वानों एवं साहित्यकारों की बड़ी संख्या में उपस्थिति से ऐतिहासिक कार्यक्रम संपन्न होगा।

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