आनाज का कोटा नहीं किया आवण्टित तो मौखिक आदेश से कैसे मिलेगा गरीबों को राशन

आनाज का कोटा नहीं किया आवण्टित तो मौखिक आदेश से कैसे मिलेगा गरीबों को राशन

प्रकाश प्रभाव कौशाम्बी


कौशाम्बी। 12/05/2020



अनिल कुमार की रिपोर्ट ।


आनाज का कोटा नहीं किया आवण्टित तो मौखिक आदेश से कैसे मिलेगा गरीबों को राशन




कौशाम्बी। कौशाम्बी जनपद में सरकार के अपने इस बयान बाजी के बाद राशन आवंटित करने का लक्ष्य संशोधित नहीं किया। 


सरकार के इस दोहरे नीति के चलते अधिकारियों की छीछालेदर राशन कार्ड मांग करने वाले श्रमिको की बढ़ती भीड़ से कर्मचारी भी हैं परेशान


कौशाम्बी। कोविड-19 कोरोनावायरस संक्रमण की महामारी से गरीबों को राहत देने के उद्देश्य केंद्र सरकार ने निर्देश दिए कि ऐसे परिवारों को राशन कार्ड जारी कर उन्हें राशन उपलब्ध कराया जाए जिन गरीब मजदूरों के रोजगार इस लॉक डाउन में बन्द है केंद्र सरकार ने कहा कि जो अब तक इस सुविधा से वंचित थे।  उन्हें राशन योजना में शामिल कर राशन कार्ड बना कर राशन दिया जाए। 


सरकार ने कहा कि राशन के बिना किसी भी गरीब व्यक्ति की मौत ना हो । इसका पूरा ख्याल प्रशासन रखें , लेकिन सरकार ने अपने इस बयान बाजी के बाद राशन आवंटित करने का लक्ष्य संशोधित नहीं किया अभी तक गरीबों के बीच सरकारी राशन वितरण करने का लक्ष्य वही पुराना है । जिससे गरीबों श्रमिको को राशन नहीं मिल पा रहा है । इस विसंगति के चलते हजारों गरीब परिवारों को राशन देने से सरकारी खाद्यान्न की दुकानदारों ने हाथ खड़ा कर दिया है । जिससे गरीबों जरूरतमंदों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी है। 


उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 की जनगणना 15 लाख 99 हजार 556 के आधार पर सरकार ने राशन देने के लिए सॉफ्टवेयर वेबसाइट में ग्रामीण क्षेत्र के 79. 56% कार्ड धारकों को और नगरी क्षेत्र में 64.43% राशन कार्ड धारकों को ही राशन देने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा था । सॉफ्टवेयर मैं दर्ज लक्ष्य के आगे राशन कार्डों की संख्या वेबसाइट स्वीकार नहीं कर रहा है ।


वर्ष 2011 के आंकड़े के अनुसार जिले में 12 लाख 38 हजार से अधिक राशन कार्ड पूर्ब में ही बन चुके हैं। अब अधिक राशन कार्ड बनने की गुंजाइश सरकारी वेबसाइट पर नहीं रह गई है। सरकार के इस दोहरे नीति के चलते अधिकारियों की छीछालेदर हो रही है ।राशन कार्ड मांग करने वाले श्रमिको की बढ़ती भीड़ से कर्मचारी भी परेशान है लेकिन इसका समाधान होता नही दिख रहा है।


कोरोनावायरस महामारी के लॉक डाउन के बाद दो जून की रोटी के लिए पीड़ित परिवारों को सरकार के बयान बाजी के बाद राशन नहीं मिल रहा है । जिससे गरीबों का दर्द साफ झलक रहा है । सरकार गरीबों के साथ यह भद्दा मजाक कर रही है । जिसका जवाब आने वाले दिनों में गरीब मजदूर श्रमिक आनाज की जरूरतमंद जनता सरकार को जरूर देगी।


अकस्मात कोरोनावायरस की महामारी आने के बाद सरकार ने उदारता दिखाते हुए राज्य सरकार और प्रशासन को निर्देशित किया कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है । इस तरह के गरीब बेसहारा कमजोर जरूरतमंद भूखे श्रमिक परिवारों को भी राशन कार्ड बना कर राशन दिया जाए ,लेकिन गरीबों को राशन देने के इस घोषणा के पूर्व सरकार ने यह विचार नहीं किया कि गरीबों को देने वाला आनाज कहां से मिलेगा।  सरकार की इस दोहरी नीति के चलते गरीबों के राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं । जिससे गरीबो को राशन नही मिल पा रहा है। 


कोरोनावायरस की महामारी को डेढ़ महीने से अधिक बीत जाने के बाद अभी तक सरकार ने अनाज आवंटन का लक्ष्य नहीं बढ़ाया है। सरकार के मौखिक आदेश से श्रमिको गरीबों को सरकारी राशन कैसे मिलेगा । यह ब्यवस्था पर बड़ा सवाल है सरकार की अदूरदर्शिता के चलते गरीबों को जरूरत के मुताबिक गेहूं चावल कैसे अधिकारी मुहैया करा पाएंगे यह बड़ा विचारणीय प्रश्न है।


सरकारी सस्ते गल्ले के दुकानदारों का तर्क है कि पूर्व में आवंटन के अनुसार उन्हें राशन मिल रहा है। और पूर्व में आवंटित राशन कार्ड धारकों को वह राशन दे रहे हैं ।अब नए राशन कार्ड धारकों को वह कहां से राशन देंगे इस बात से सरकारी सस्ते गल्ले के दुकानदार भी परेशान दिखाई पड़ रहे हैं।


गौरतलब है कि 2011 की जनगणना के बाद 2020 तक में लगभग 400000 लोगों की जनसंख्या जिले में बढ़ चुकी है। उन्हें  राशन देने की सरकार की कोई  ठोस योजना नहीं बन सकी है और इसी बीच कोरोना वायरस की महामारी में जरूरतमंदों को राशन देने की सरकार ने घोषणा कर दी है ,लेकिन सॉफ्टवेयर वेबसाइट पर सरकार ने अभी तक नए राशन कार्ड बनाए जाने का सरकार ने लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है वहीं सरकारी सॉफ्टवेयर वेबसाइट में नए राशन कार्ड को दर्ज कर राशन दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है ।


सरकार की इस दोहरी नीति के चलते गरीब कमजोर मजदूर और जरूरतमंद भूखे लोगों को राशन कहां से मिलेगा इस पर डेढ़ महीने बाद भी सरकार ने आवंटन के अनुपात में लक्ष्य बढ़ाए जाने पर ठोस कदम नहीं उठाया है। कोरोनावायरस की महामारी के बाद गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने के सरकार के मौखिक बयान बाजी से गरीबों को राशन नहीं मिल रहा है और इस मामले में सरकार को आत्ममंथन करने की जरूरत है और नए राशन कार्ड धारकों के लिए अलग से कोटा आवंटन कर राशन वितरण कराया जाए । जिससे गरीब जरूरतमंद कमजोर मजदूर को भुखमरी से उभारा जा सके।



रिपोर्टर अनिल कुमार प्रकाश प्रभाव  कौशाम्बी

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