जिस संविधान की कसमें खाते हैं उसी को मिटाने की ​बात करते हैं - लोकदल

जिस संविधान की कसमें खाते हैं उसी को मिटाने की ​बात करते हैं - लोकदल

PPN NEWS

26 नवंबर 2021


जिस संविधान की कसमें खाते हैं उसी को मिटाने की ​बात करते हैं - लोकदल


संसद के सेन्ट्रल हॉल में शुक्रवार को संविधान दिवस  को जश्न के रूप में मनाए जाने पर लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह जी ने संविधान बचाओ देश बचाओ के कार्यक्रम में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि आज देश का लोकतंत्र खतरे में है कुछ नकली हिंदू और पारिवारिक पार्टियों ने खतरा बढ़ा दिया है

सरकार पर डर का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया है सरकार देश में अघोषित आपातकाल लागू कर रही है। सरकार हर चीज पर नियंत्रण करना चाहती है और सरकार द्वारा बनाये गये माहौल को इससे पूर्व पहले कभी नहीं देखा गया। प्रदेश  की ओर से आयोजित लोकतंत्र, संविधान, देश बचाने के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा  संविधान का स्तंभ भी खतरे में है। 

इससे साबित होता है कि भाजपा अंबेडकर के बनाए गए संविधान को ही बदल देने पर आमादा है। बाबा साहेब ने ऐसी ताकतों से देश की जनता को सावधान रहने का आह्वान किया था। दरअसल भाजपा इस देश में मनुस्मृति को संविधान के बदले थोपना चाहती है

इन मसलों पर प्रधानमंत्री या तो चुप्पी साध लेते हैं अथवा बहुत देर से नपी-तुली बात बोलते हैं. जो सरकार कमजोर वर्ग, महिलाओं, दलितों, गरीबों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकती, उसे संविधान का जश्न मनाने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए यहां तक की का नाम लेने का भी हक नहीं है। बीजेपी-सपा बसपा  के लोग दिखावे के लिए बाबा साहेब का जितना नाम ले लें, सच्चाई यह है कि ये सांप्रदायिक फांसीवाद की ताकतें अंबेडकर के विचारों को ही निशाना बना रही है।

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