बस्ती के बीच कोयला सीमेंट उतारने से फैल रही बीमारी

Prakash Prabhaw News
बस्ती के बीच कोयला सीमेंट उतारने से फैल रही बीमारी
रेलवे अधिकारियों की मनमानी से बच्चों एवं वृद्धों के स्वास्थ्य से किया जा रहा है खिलवाड़
मोहनलालगंज , लखनऊ।
शशांक मिश्रा
मोहनलालगंज लखनऊ में स्थित रेलवे स्टेशन पर मानकों को दरकिनार कर सीमेंट बनाने वाला कच्चा माल मालगाड़ी से बस्ती के बीच उतारा जा रहा है ।इस कोरोना काल में उठने वाली धूल से स्वास व फेफड़े जैसी बीमारी लोगों को हो सकतीं हैं, लोगों ने इसका विरोध किया लेकिन माल उतार रहे लोगों ने अनसुना कर दिया जिसके बाद लोगों ने पूरे मामले की शिकायत लैकफैड चेयरमैन व सीएचसी अधीक्षक से की है जिसके बाद चेयरमैन ने उत्तर रेलवे प्रबंधक को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है वहीँ सीएचसी अधीक्षक ने इसे लोगों के स्वास्थ से खिलवाड़ बताते हुए रेलवे को पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने की माँग की है। वहीं लोगों ने रेल मंत्री समेत रेलवे के तमाम अधिकारियों को ट्वीट कर मामले से अवगत कराकर इस पर रोक लगाने की मांग की है।
कस्बा मोहनलालगंज में स्थित मोहनलालगंज रेलवे स्टेशन के आसपास की बस्ती में रहने वाले लोगों के साथ रेलवे मंत्रालय स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा है यही नहीं सीएचसी में आए मरीजों को रेल मंत्रालय और बीमार बना रहा है जबकि वहीं पर स्थित विद्यालयों को भी धूल प्रभावित कर रही है मामला रेलवे स्टेशन पर मानकों के विपरीत सीमेंट बनाने के कच्चे माल को उतारने का है जिससे उड़ रही धूल लगभग 2000 लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है मंगलवार की रात आई मालगाड़ी से सीमेंट बनाने का कच्चा माल उतारने का काम शुरू हो गया जिससे उड़ी धूल के गुबार को देखकर घरों से लोग निकल आए और इसका विरोध करने लगे लेकिन स्टेशन पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों ने लोगों के विरोध को दरकिनार कर दिया जिस से परेशान लोगो ने रेल मंत्री समेत रेलवे के तमाम अधिकारियों को ट्वीट कर व पत्र भेजकर मामले की शिकायत की है रेलवे सूत्रों की माने तो जो स्टेशन बस्ती में होते हैं वहां पर कोयला डस्ट व इस प्रकार की सामग्री को नहीं उतारा जा सकता है ऐसी सामग्रियों से लोगों को बीमार होने का खतरा रहता है या भी बताया गया है कि इस तरह के माल उतारने के लिए कनकहा को चुना गया है लेकिन मोहनलालगंज में तैनात रेलवे अधिकारियों की मनमानी लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है बताया जाता है कि इससे उड़ने वाली फूल से लोग स्वाश, फेफड़े की गंभीर बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं और इसमें सबसे ज्यादा बच्चे का वृद्ध प्रभावित होते हैं इस कोरोना काल में या उड़ रही धूल लोगों के लिए संकट पैदा कर रही है लोगों स्टेशन पर तैनात अधिकारियों वर्क कर्मचारियों ने लोगों के विरोध को दरकिनार कर दिया जिससे परेशान लोगों ने रेल मंत्री समित रेलवे के समान अधिकारियों को टिय्यूट कर व पत्र भेज कर मामले की शिकायत की है रेलवे सूत्रों की माने तो स्टेशन बस्ती में होते हैं वहां पर कोयला डस्ट इस प्रकार की सामग्री को नहीं उतरा जा सकता है ऐसी समस्याओं से लोगों को बीमार होने का खतरा रहता है या भी बताया गया है कि इस तरह के माल उतारने के लिए कनकहा रेलवे स्टेशन को चुना गया है लेकिन रेलवे के अधिकारियों की मनमानी लोग के स्वास्थ पर भी। रेलवे स्टेशन के आस पास रह रहें लोगों ने इसकी शिकायत लैकफैड चेयरमैन से की चेयरमैन ने उत्तर रेलवे प्रबंधक को पत्र भेज कर कार्रवाई की बात कहीँ हैं, वही सीएचसी अधीक्षक ज्योती काम्बले ने कहा कि यह स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहाँ हैं इस पर रोक लगाने के लिए रेल मंत्री व अधिकारियों को पत्र लिखा जाएँगा ।
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