एक किलो वजन के साथ 9 सेकेंड में 100 पंचेस का विश्व रिकार्ड

PPN NEWS
लखनऊ। एक सेवानिवृत व्यक्ति अपनी नौकरी के बाद की बची जिंदगी या तो अखबार और चाय की चुस्की के साथ या गुजारता है या कालोनी के बुजुर्ग टोली के बीच पुरानी यादों के बीच गुजारता है। शाम हुई तो हाथों में झोला पकड़कर सब्जी मंडी सब्जी की खरीदारी में गुजार देता है। आज हम आपको ऐसे सेवानिवृत्त व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे बुजुर्ग कहना बुजुर्ग शब्द की तौहीन होगी। जूडो के महान अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे उप्र की राजधानी लखनऊ की आदर्श कालोनी के नाम से मशहूर समर विहार कालोनी निवासी तथा आरडीएसओं में डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत्त प्रकाश चंद्र रस्तोगी 64 वर्ष की आयु में अपनी जवानी को बरकरार रखते हुए विश्व रिकार्ड बनाने के लक्ष्य की ओर बढ़ते जा रहे हैं।
हाल ही में अपने हाथों में एक-एक किलो के डंबल्स के साथ मात्र 9 सेकेंड में 100 पंचेस बनाने का विष्व रिकार्ड अपने नाम करने वाले प्रकाश चंद्र का तीसरा विश्व रिकार्ड है। इसके पूर्व इन्होंने एक मिनट में लगभग 900 पंचेस मारने का विश्व रिकार्ड अपने नाम किया था।
प्रकाश चंद्र जूडो के खेल में ब्लैक बैल्ट- 6 डान हैं।
पैरा जूडो अकादमी में हुए सम्मानित
प्रकाश चंद्र को उनके इस अनोखे विश्व रिकार्ड हासिल करने को लेकर राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जूडो अकादमी में सम्मानित किया गया। उनको यह सम्मान उप्र जूडो ऐसोसिएशन के अध्यक्ष तथा मशहूर समाजसेवी सुधीर हलवासिया तथा इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जूडो ऐसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव मुनव्वर अंजार द्वारा सम्मानित किया गया।
इस मौके पर बोलते हुए सुधीर हलवासिया ने कहा कि मैं स्तब्ध हूं यह सुनकर और देखकर कि एक सेवानिवृत्त व्यक्ति 64 वर्ष की आयु में जिस आयु में हम अधिकतर घर में ही रहना पसंद करते हैं ने विश्व रिकार्ड बना डाला वह भी अपने हाथों में एक-एक किलो का वजन रख कर। उन्होंने प्रकाश चंद्र को सम्मानित करते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि ऐसा रिकार्ड जो इस समय भारत के नाम पर प्रकाश चंद्र ने हासिल किया है यह सभी सेवानिवृत्त के लिए प्रेरणा का स्रोत हो बल्कि हमारी जवां पीढ़ी भी ऐसे कारनामों से प्रेरित हो।
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