पांचवीं कक्षा तक की ऑनलाइन शिक्षा पूर्णरूप से बंद हो: राजेश सिंह

पांचवीं कक्षा तक की ऑनलाइन शिक्षा पूर्णरूप से बंद हो: राजेश सिंह

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पांचवीं कक्षा तक की ऑनलाइन शिक्षा पूर्णरूप से बंद हो: राजेश सिंह 

शिक्षा मंत्री के रूप में डॉ दिनेश शर्मा जैसे शिक्षाविद का होना गौरव की बात

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के विरोध से कोई फर्क नहीं पड़ता

लखनऊ। शिक्षा का संबंध माली और फूल की तरह है और इसे किसी रूप में देखा जाना चाहिए। पांचवी कक्षा तक ऑनलाइन शिक्षा बिल्कुल बंद कर देनी चाहिए इससे बच्चों का बहुत नुकसान हो रहा है। यह कहना है कुंवर्स ग्लोबल स्कूल के प्रबंध निदेशक राजेश सिंह क

राजेश सिंह एक निजी चैनल के कार्यक्रम में वर्तमान कोरोना संकट के दौरान शिक्षा से संबंधित सवालों का जवाब दे रहे थे। 

राजेश सिंह ने कहा कि इस कोरोना संकट काल में सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सक्रिय है। हमारे पास शिक्षा मंत्री के रूप में डॉ दिनेश शर्मा जैसा शिक्षाविद है। समस्या यह है कि अधिकारी वर्ग सरकार के शिक्षा के प्रति समर्पण को समझ नहीं पा रहा है क्योंकि वही अधिकारी जो कभी खनिज विभाग का सचिव होता है तो कभी पीडब्ल्यूडी का सचिव होता है वहीं आकर शिक्षा विभाग का भी सचिव बन जाता है, समस्या यहीं से शुरू होती है। 

उन्होंने कहा कि वर्तमान कोरोना संकट के दौरान ऑनलाइन शिक्षा पांचवी से ऊपर तक के बच्चों के लिए तो ठीक है लेकिन पांचवी तक के बच्चों के लिए बिल्कुल ही सही नहीं है क्योंकि इससे उनकी आंखें खराब हो रही हैं। वह रक्षा और पायलट जैसे नौकरियों में नहीं जा पाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे की पहली अध्यापक माता वह दूसरा पिता होता है। इस समय घर पर रहकर ही बच्चों को माता-पिता द्वारा संस्कार, देश के महापुरुषों के बारे में जानकारी आदि दी जानी चाहिए।  

इस संबंध में उन्होंने बाल गीता नामक पुस्तक भी उपलब्ध कराने की बात कहीं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कुंवर्स ग्लोबल स्कूल पहला स्कूल है जिसमें महा आर्थिक मंदी के इस दौर में अपने विद्यालय में 25% फीस माफी की घोषणा की है। 

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के द्वारा विरोध किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा की जिसको विरोध करना है वह करेगा, हमें आपको यह तय करना है कि संकट के इस दौर में हम क्या कर सकते हैं। 

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सिर्फ नेताओं और अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाने तक ही सीमित है। मैंने यह विद्यालय कमाई के लिए नहीं खोला है। मैंने यह विद्यालय अपने बच्चे की याद में खोला है और प्रथम वर्ष से ही जीरो फायदे की बैलेंस शीट पर काम कर रहा हूं। इसलिए मुझे फर्क नहीं पड़ता कि कोई क्या सोचता है। सरकार ने भी फीस ना बढ़ाने की बात कही थी। मैंने तो उसका पालन करते हुए फीस घटाई है।

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