जानिए धान की फसल कैसे अच्छी हो
- Posted By: Admin
- खबरें हटके
- Updated: 24 June, 2020 21:57
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धान की फसल में जल प्रबन्धन
पी पी एन न्यूज
कमलेन्द्र सिंह
थरियांव/ फतेहपुर
प्रदेश में सिंचित क्षमता के उपलब्ध होते हुये भी धान का लगभग 60-65% क्षेत्र ही सिंचित है, जबकि धान की फसल को, खाद्यान्न फसलों में सबसे अधिक पानी की आवश्यकता होती है। फसल को कुछ विशेष अवस्थाओं में रोपाई के बाद एक सप्ताह तक कल्ले फूटने, बाली निकलने, फूल खिलने तथा दाना भरते समय खेत मे पानी बना रहना चाहिए। फूल खिलने की अवस्था पानी के लिए अति संवेदनशील है।
परीक्षणों के आधार पर यह पाया गया है कि धान की अधिक उपज लेने के लिए लगातार पानी भरा रहना आवश्यक नहीं है इसके लिए खेत कि सतह से पानी अदृश्य होने के एक दिन बाद 5-7 cm सिंचाई करना उपयुक्त होता है। यदि वर्षा के आभाव के कारण पानी की कमी दिखाई दे तो सिंचाई अवश्य करे। खेत में पानी रहने से फॉस्फोरस, लोहा तथा मैंगनीज़ तत्वो की उपलब्धता बढ जाती है और खरपतवार भी कम उगते हैं।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि कल्ले निकलते समय 5 cm से अधिक पानी अधिक समय तक धान के खेत में भरा रहना भी हानिकारक होता है। अतः जिन क्षेत्रों में पानी भरा रहता हो वहां जलनिकास का प्रबंध करना बहुत आवश्यक होता है अन्यथा उत्पादन पर कुप्रभाव पडेगा।
सिंचित दशा में खेत में निरन्तर पानी भरा रहने की दशा में यदि खेत से अदृश्य होने की स्थिति में एक दिन बाद 5-7cm तक पानी भर दिया जाय इससे सिंचाई के जल में भी बचत होगी।
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