ठंड के मौसम में स्पाइन और हड्डियों की समस्याएं: कारण, बीमारियां और बचाव

ठंड के मौसम में स्पाइन और हड्डियों की समस्याएं: कारण, बीमारियां और बचाव

PPN NEWS

Report - Abhi Thakur



ठंड का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है। इस मौसम में हड्डियों और स्पाइन या रीढ़ से जुड़ी परेशानियां काफी बढ़ जाती हैं। ठंड में जोड़ों और मांसपेशियों में जकड़न, दर्द और सूजन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। अधिक उम्र के लोग, महिलाएं और वे लोग जो पहले से ऑर्थोपेडिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, इस मौसम में अधिक प्रभावित होते हैं। आइए डॉ. मानव लूथरा, सीनियर कंसल्टेंट - ऑर्थोपेडिक्स, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर से जानते हैं कि ठंड में स्पाइन और हड्डियों से जुड़ी कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं, उनके क्या कारण हैं और बचाव के लिए आपको क्या करना चाहिए।


ठंड में होने वाली बीमारियां: 


ठंड के मौसम में जोड़ों और मांसपेशियों से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे जोड़ों का दर्द, जो ठंड में मांसपेशियों के सख्त होने और तापमान में गिरावट के कारण अधिक होता है, खासकर बुजुर्गों और गठिया के मरीजों में यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। रीढ़ की हड्डी में सूजन और जकड़न से होने वाला स्पोंडिलाइटिस भी ठंड में बढ़ जाता है। गलत पोश्चर में लंबे समय तक बैठने से इस समस्या के होने का खतरा ज्यादा होता है। साइटिका, जो रीढ़ की निचली नस के दबने से होता है, ठंड में मांसपेशियों की जकड़न के कारण अधिक गंभीर हो सकता है, जिससे कमर से पैरों तक दर्द फैल सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस में हड्डियों के बीच का कार्टिलेज घिसने से दर्द और सूजन बढ़ जाती है। ठंड में ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने से और अधिक परेशानी होती है। इसके अलावा ठंड के कारण मांसपेशियों के सख्त होने से गर्दन, कंधे और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव और ऐंठन की समस्या हो सकती है।


इन समस्याओं के मुख्य कारण: ठंड क़े दौरान हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याओं के मुख्य कारणों में से एक ब्लड सर्कुलेशन का कम या धीमा होना है, क्योंकि ठंड के कारण ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे जोड़ों और मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता और जकड़न व दर्द होने लगता है। सर्दियों में शारीरिक गतिविधियों की कमी, जैसे व्यायाम न करना, मांसपेशियों को कमजोर बना देता है। साथ ही, लंबे समय तक गलत पोश्चर में बैठना, जैसे कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग करना या सोने का गलत पोश्चर अपनाना, स्पाइन और जोड़ों पर दबाव बढ़ाता है। ठंड में सूरज की रोशनी कम मिलने से शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। बुजुर्गों में यह समस्या उम्र के कारण और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि उनकी हड्डियां पहले से ही कमजोर होती हैं। ऐसे में ठंड के दौरान इन समस्याओं से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाना आवश्यक है।


इन समस्याओं से बचाव के उपाय: ठंड के मौसम में हड्डियों और स्पाइन की समस्याओं से बचने के लिए नियमित हल्के व्यायाम, जैसे वॉकिंग, स्ट्रेचिंग और योग करना जरूरी है, क्योंकि यह मांसपेशियों को लचीला बनाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है। शरीर को गर्म रखने के लिए ऊनी कपड़े पहनें और सिर, कान व पैरों को टोपी और मोजों से ढककर ठंड से बचाएं। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार जैसे दूध, दही, पनीर, मछली, प्रोटीन युक्त दाल और मेवे आदि का सेवन करें। साथ ही अदरक, लहसुन, हल्दी और गर्म सूप का सेवन शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। विटामिन डी क़े लिए सूरज की रोशनी का लाभ उठाएं। रोजाना धूप सेंकने की आदत डालें या डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी सप्लीमेंट लें। सही पोश्चर अपनाएं, जैसे काम करते समय पीठ और गर्दन सीधी रखें और सोते समय उचित तकिए का इस्तेमाल करें। मांसपेशियों की जकड़न को कम करने के लिए गर्म पानी से स्नान करें और हॉट वॉटर बैग का इस्तेमाल करें। यदि दर्द लंबे समय तक बना रहे तो फिजियोथेरेपी का सहारा लें या तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।  


ठंड का मौसम हड्डियों और रीढ़ की समस्याओं को बढ़ा सकता है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और नियमित देखभाल से इन समस्याओं से बचा जा सकता है। संतुलित आहार, व्यायाम, सही पोश्चर और गर्म कपड़े पहनने की आदत डालकर आप ठंड के मौसम में भी खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। यदि किसी भी समस्या का असर लंबे समय तक रहे तो डॉक्टर से सलाह लेने में देर न करें। याद रखें सर्दियों में स्वस्थ रहना आपके छोटे-छोटे प्रयासों पर निर्भर करता है।  

Comments
Vikas tiwari 1 month ago

Jodoe darad

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