अपनी जज्बे जिद्द और जुनून के सहारे कोविड़-19 वायरस को मात देने जूटे है डॉ रवि है असली कोरोना वॉरियर्स

अपनी जज्बे जिद्द और जुनून के सहारे कोविड़-19 वायरस को मात देने जूटे है डॉ रवि है असली कोरोना वॉरियर्स

Prakash prabhaw news

रिपोर्टर-विक्रम


अपनी जज्बे जिद्द और जुनून के सहारे कोविड़-19 वायरस को मात देने जूटे है डॉ रवि है असली कोरोना वॉरियर्स


ग्रेटर नोएडा के कोविड-19 अस्पताल जिम्स में तैनात डॉ रवि शर्मा जूनियर डॉक्टर हैं जो कोरोना के वाइरस के को मात देने से मार्च माह से जूटे है। इस ड्यूटी के दौरान ही 14 जुलाई को वे स्वम करोना वाइरस से संक्रमित हो गए । इसके कारण उन्हे उसी अस्पताल में एडमिट किया गया, जहां वे खुद कोरोना के मरीजो का इलाज करते थे। डॉ रवि 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे और अपनी बीमारी के दौरान भी मरीजों का इलाज करते रहे।  डॉ रवि का कहना था  वैसे कि वार्ड में डॉक्टर रोज राउंड पर आते थे,  इस बीच किसी मरीजों को कोई दिक्कत होती वे वह डॉक्टर बुलाते हैं, ऐसे मरीजो को वे खुद देख लेते थे जिससे उनके साथी डॉक्टर को कुछ आराम मिल सके। 

जिम्स संस्थान के निदेशक डॉ (ब्रिगेडियर)राकेश गुप्ता ने बताया कि रवि शर्मा एक सच्चे कोरोना वॉरियर्स है, क्यूँ कि 15 दिनों के बाद जब उन्हे 14 दिनों के क्वारटाइन के बाद डिस्चार्ज किए गए, तो उन्होने फौरन ही अपनी पुरानी लौटी ड्यूटी पर लौट आए। कोरोना मरीजों की सेवा में लग गए ।  

डॉ (ब्रिगेडियर)राकेश गुप्ता ने बताया कि अपनी ड्यूटी पर लौट आने के बाद डॉ रवि शर्मा ने एक एक कदम आगे बढ़ते हुए मंगलवार को अपना प्लाज्मा दान किया।  उनका कहना था कि इससे गंभीर मरीज की जान बचाई जा सकती है। उन्होने ऐसा स्वस्थ होने वाले सभी मरीजों को ऐसा करने कि अपील की है। उनका का कहना है कि अगर कोरोना को मात देनी है, तो लोग  घर में रहें सुरक्षित रहें मास्क का प्रयोग करें, शारीरिक दूरी बनाकर रखें। संस्थान के निदेशक डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि संस्थान को रवि शर्मा पर गर्व है,  वही वे एक सच्चा कोरोना वॉरियर्स है।

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