हाई स्पीड डीजल (HSD) की खपत में कमी और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये उत्तर मध्य रेलवे ने उठाये महत्वपूर्ण कदम

हाई स्पीड डीजल (HSD) की खपत में कमी और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये उत्तर मध्य रेलवे ने उठाये महत्वपूर्ण कदम

Prakash Prabhaw News

प्रयागराज

29.06.2020

हाई स्पीड डीजल (HSD) की खपत में कमी और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये उत्तर मध्य रेलवे ने उठाये महत्वपूर्ण कदम

पर्यावरण के अनुकूल रहने की अपनी प्रतिबद्धता को बनाये रखने के लिये उत्तर मध्य रेलवे ने ऊर्जा के गैर-नवीकरणीय स्रोतों पर निर्भरता को कम करने, ऊर्जा के उपयोग में दक्षता लाने और गैर-पारंपरिक स्रोतों का उपयोग करके अपनी ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। 

हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए, उत्तर मध्य रेलवे तीव्र गति से अपने ब्रॉडगेज नेटवर्क का विद्युतिकरण कर रहा है और वर्ष 2019-20 के दौरान 226 किमी ब्रॉडगेज मार्गों का विद्युतीकरण किया गया, जिसमें प्रयागराज मण्डल के चुनार-चोपन का महत्वपूर्ण खंड शामिल है, जिसका उपयोग दैनिक आधार पर औसतन 5 माल गाड़ियों को चलाने के लिए किया जा रहा है। कोविड -19 के कारण नियमित यात्री सेवाओं के निरस्तीकरण से पूर्व इस खंड में संचालित सभी 05 यात्री सेवाएं भी विद्युत कर्षण के माध्यम से चल रही थीं। 

मौजूदा डीजल इंजनों में हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) को संरक्षित करने के लिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निष्क्रिय और उपयोग न होने की अवधि के दौरान डीजल इंजनों को बंद कर दिया जाए। इलेक्ट्रिक इंजनों के उपयोग में वृद्धि और डीजल इंजनों की गहन निगरानी के माध्यम से, वर्ष 2019-20 के दौरान 160 लाख लीटर हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) की बचत की गई। हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) के उपयोग में और अधिक बचत करने हेतु , उत्तर मध्य रेलवे अपनी ओरिजिनेटिंग यात्री गाड़ियों में HOG (हेड आन जनरेशन) युक्त 16 एलएचबी रेकों का उपयोग कर रहा है,  जिसमें लाइट, पंखे, एसी आदि के लिए ओएचई से सीधे विद्युत उर्जा का उपयोग करते हुए लोकोमोटिव के माध्यम से रूट किया जाता है, जिसके फलस्वरूप सालाना 75000 लीटर डीजन की बचत होती है।

हाई स्पीड डीजल (एचएसडी)  की बचत के अलावा, विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में भी आधुनिक थ्री फेज इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के उपयोग द्वारा विद्युत उर्जा की बचत की जा रही है, जो कि ब्रेकिंग प्रक्रिया के दौरान विद्युत ऊर्जा जनरेटर के रूप में कार्य करता है और इस प्रकार से उत्पन्न ऊर्जा को ग्रिड को वापस भेज दिया जाता है जिससे समग्र रूप से ऊर्जा की बचत होती है। बिजली पुनरुत्पादन की इस प्रक्रिया के माध्यम से वर्ष 2019-20 में 12.61 करोड़ यूनिट बिजली बचाई जा सकती है। ऊर्जा की बचत के अतिरिक्त पारम्परिक ब्रेकिंग के विपरीत रिजनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली के प्रयोग से लोकोमोटिव और डिब्बों में होने वाला क्षरण कम होता है।

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत के उपयोग में, उत्तर मध्य रेलवे 11 मेगावॉट के स्थापित सौर संयंत्र की क्षमता वाला प्रमुख रेलवे बन गया है, इस प्रकार परंपरागत कोयला या गैस संयंत्रों से प्राप्त होने वाली बिजली के बजाय प्रतिवर्ष 85.55 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उपयोग करता है जो नवीनीकृत स्रोत हैं। सौर ऊर्जा का उपयोग करने के अलावा, उत्तर मध्य रेलवे अपने 1600 कोच, 265 कार्यालयों, 338 स्टेशनों, 02 कार्यशालाओं और 26000 रेलवे क्वार्टरों में 100% ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइटिंग का प्रयोग कर रहा है, जिससे सालाना 1.5 करोड़ अतिरिक्त बिजली की बचत होती है।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *