शाहाबाद को फल पट्टी क्षेत्र घोषित कराने का मामला मात्र चुनावी रंजिश ही साबित हुआ

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
शाहाबाद को फल पट्टी क्षेत्र घोषित कराने का मामला मात्र चुनावी रंजिश ही साबित हुआ ,बागवानों को नहीं मिला कोई फायदा
संवादाता अरविन्द मौर्या
शाहाबाद हरदोई - बागवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सन 1997 में उत्तर प्रदेश में सत्तासीन मुख्यमंत्री धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव ने तत्कालीन जिला उद्यान अधिकारी व उद्यान निदेशक की संस्तुति पर शाहाबाद तहसील क्षेत्र के 93 गांवों को फल पट्टी क्षेत्र घोषित किया था। शाहाबाद नगर पालिका क्षेत्र के चारों ओर फैले यह 93 गांव आम की फसल के लिए प्रसिद्ध है आम के सीजन में देश व विदेश के व्यापारी यहां से आम ले जाते हैं सूत्र बताते हैं कि तत्कालीन बसपा सांसद इलियास आजमी ने सपाई विधायक बाबू खां को आर्थिक नुकसान देने के लिए फल पट्टी क्षेत्र घोषित कराया था।
फल पट्टी क्षेत्र में चयनित होने के कारण पूर्व विधायक बाबू खां के 2 भट्टे जमींदोज हो गए थे ।पूर्व विधायक बाबू खां का हरदोई रोड स्थित मतवालीया पीर के पास का भट्टा व अतर्जी गांव के पास स्थित भट्टे का संचालन ठप्प हो गया था। इससे बाबू खान को उस समय बड़ा नुकसान हुआ था। बाबू खां के दो भट्टे सरकार ने बंद करा दिए थे।
सूत्र बताते हैं कि फल पट्टी क्षेत्र का दर्जा खत्म कराने के लिए बाबू खां ने बड़ी कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सके। इलियास आजमी ने शाहाबाद फल पट्टी क्षेत्र के बागवानों की आर्थिक उन्नति के लिए समय-समय पर सड़क से लेकर सदन तक प्रयास किए। लेकिन प्रयास सफल नहीं हो सके। 1 दिसंबर 2004 को इलियास आजमी ने शाहाबाद फल पट्टी क्षेत्र में मैंगो रिसर्च सेंटर के निर्माण का मुद्दा तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की कांग्रेसी सरकार के समय लोकसभा में उठाया था। लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार की अकर्मण्यता के कारण यह मांग पूरी नहीं हो सकी ।
शाहाबाद फल पट्टी बागवान संघ के अध्यक्ष अंजुम खां ने केंद्र सरकार से शाहाबाद फल पट्टी क्षेत्र में मैंगो रिसर्च सेंटर व मैंगो मैंगो पैक हाउस का निर्माण कराने की मांग की है । अंजुम खां ने कहा कि शाहाबाद फल पट्टी क्षेत्र में मैंगो पैक हाउस का निर्माण हो जाने से शाहाबाद का आम विदेशों में निर्यात हो सकेगा । विश्व का मशहूर गुलाब खास आम शाहाबाद फल पट्टी क्षेत्र के ग्राम दौलतपुर गंगादास,अख्तियारपुर व कई अन्य ग्रामों में पाया जाता है आम का निर्यात होने से इसकी मिठास का आनंद पूरे विश्व के लोग ले सकें।
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