मासूम की जिंदगी से खिलवाड़

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मासूम की जिंदगी से खिलवाड़

रिपोर्ट- अभिषेक बाजपेयी

रायबरेली

मरीजों के लिए धरती के भगवान माने जाने वाले डॉक्टरो की रुपयों के सामने निष्ठा लगातार सवालों के घेरे में है। मामला रायबरेली के निजी नर्सिंग होम सत्यम हॉस्पिटल का है जहाँ चंद रुपयों के लालच में डॉक्टर हैवान बन गए। निमोनिया से पीड़ित दो साल के बच्चे को इंजेक्शन लगाने के बाद हुए इंफेक्शन से हाथ में  गैंग्गरीन रोग फैल गया। इंफेक्शन फैलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जबरन मरीज के परिजनों से मरीज ले जाने का नोट लिखा लिया और उसे  अस्पताल से बाहर भेज दिया। बच्चे की हालत बिगड़ने पर पीड़ित बच्चे के पिता ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है। बच्चे से जुड़ा संवेदनशील मामला होने के चलते जिलाधिकारी ने अस्पताल के विरुद्ध जाँच कर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। 


दरअसल मामला शहर के नेहरू नगर  स्थित प्राइवेट सत्यम हॉस्पिटल का है। जहां लालगंज थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव निवासी सुरेंद्र शर्मा के 2 साल के मासूम बच्चे राघव को निमोनिया होने के कारण 13 जून 2023 को प्राइवेट सत्यम हॉस्पिटल में भर्ती कराया था।  इलाज के दौरान बच्चे को कई इंजेक्शन भी लगाए गए जिसके एवज में डॉक्टरों ने मासूम बच्चे के परिजनों से फीस के तौर पर मोटी रकम भी वसूली।


इसी बीच बच्चे के जिस हाथ इंजेक्शन लगा था उसमें इन्फेक्शन फैलने लगा। यह बात बच्चे के पिता ने जब डॉक्टरों को बताई तो उसे  आश्वासन देते हुए कहा कि परेशान ना हो ठीक हो जाएगा। लेकिन एक-दो दिन बाद भी जाने के बाद जब इंफेक्शन और फैलने लगा तो डॉक्टरों ने बच्चे को अस्पताल से भगा दिया। जिसके बाद पिता मासूम बच्चे को लेकर इधर-उधर भटकता रहा  


इसके बाद जब पिता ने बच्चे को एम्स रायबरेली में दिखाया तो डॉक्टर ने बताया कि बच्चे के गैंग्गरीन फैल चुका है। जिसका इलाज यहां संभव नहीं है पीड़ित बच्चे के पिता सुरेंद्र शर्मा ने आज जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की।


जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए एसीएमओ व एसडीएम के नेतृत्व में टीम बनाकर पुलिस मामले की जांच करके विस्तृत रिपोर्ट मांगी। मामले की जांच करने के लिए एसीएमओ डॉ अरविंद अस्पताल पहुँचे और अभिलेख के साथ साथ मरीजो और डॉक्टरों से पूछताछ कर मामले की जाँच शुरू की। एसीएमओ डॉ अरविंद का कहना है कि प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आ रही है। जांच करने के बाद पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।

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