इलाहाबाद हाईकोर्ट - यूपी में जिस तरह हो रहे पंचायत चुनाव वो ठीक नहीं।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
रिपोर्टर :ज़मन अब्बास
दिनांक :20/4/2021
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न गम्भीर स्थिति के दौरान पंचायत चुनाव कराने के तरीके पर गंभीर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार को कोरोना की दूसरी लहर के परिणाम का अंदाजा था। इसके बावजूद कोई योजना नहीं बनाई गई। जिस तरह पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं और अध्यापकों व सरकारी कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी के लिए मजबूर किया जा रहा है।
लोक स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर पुलिस को पोलिंग बूथों पर भेज दिया गया, यह ठीक नहीं है। चुनाव कराने वाले अधिकारियों को भी पता है कि लोगों को एक-दूसरे से दूर रखने का कोई तरीका नहीं है। ऐसे आयोजकों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। खंडपीठ ने कहा कि सरकार के लिए सिर्फ अर्थ व्यवस्था मायने रखती है। खाने-पीने की चीजों से भरी किराना की दुकानें या बाइक और कार से भरे शोरूम हैं लेकिन दवा की दुकानें खाली हैं, वहां रेमडिसिवर जैसी जीवनरक्षक दवाएं नहीं मिल रही हैं तो वे दुकानें व शोरूम व्यर्थ हैं। कोर्ट ने प्रदेश में वर्तमान स्वास्थ्य सुविधाओं को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि प्रयागराज व लखनऊ जैसे शहरों में ही रोजाना 500 से एक हजार मरीजों को अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ रही है। वर्तमान स्वास्थ्य सुविधाएं 0.5 प्रतिशत आबादी की आवश्यकता ही पूरी कर सकती हैं।
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