अब हज सेवक को राज्य हज इंस्पेक्टर के नाम से बुलाया जाएगा

अब हज सेवक को राज्य हज इंस्पेक्टर के नाम से बुलाया जाएगा

PPN

लखनऊ।  

Report - Monu Safi

अब हज पर जाने वाले खादिमुल हुज्जाज (हज सेवक) को राज्य हज इंस्पेक्टर के नाम से बुलाया जाएगा। हज यात्रा के लिए 65 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों को अपने साथ सहयोगी ले जाना होगा। सहयोगी की अधिकतम आयु 60 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। 


अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने पांच साल के लिए हज पॉलिसी जारी कर दी है। नई पॉलिसी के तहत वर्ष 2025 की हज यात्रा के लिए जल्द ही आवेदन भी शुरू हो जाएंगे।


दरअसल, हज सेवक कई साल से हज कमेटी से यह शिकायत कर रहे थे कि उनके पदनाम को लेकर हज यात्रियों में भ्रम रहता है। वह नाम के साथ सेवक शब्द जुड़ा हाेने के कारण अपने निजी कार्य कराने को भी कहते थे। हज सेवकों का पदनाम अब बदलकर राज्य हज इंस्पेक्टर कर दिया गया है।


वहीं, हज यात्रियों की सुविधा के लिए हज सुविधा एप बनाया गया है। इस एप पर हज यात्रियों को उनके ठहरने, उड़ान, बैगेज, इमरजेंसी हेल्पलाइन, भाषा को समझने में आसानी जैसी सुविधाएं होंगी। 


नई पॉलिसी के तहत जो बिना मेहरम के हज वाली महिलाओं के लिए आयु सीमा 45 से 60 वर्ष के बीच होगी। वहीं, अब एक कवर नंबर पर अधिकतम पांच लोग आवेदन कर सकते हैं। 


एक कवर नंबर पर दो नवजात शिशु भी शामिल किए जा सकेंगे। अब हज जाने की उड़ानें लखनऊ के अलावा श्रीनगर, गया, गुवाहाटी, इंदौर, भोपाल, औरंगाबाद, जयपुर, नागपुर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि, चेन्नई, अहमदाबाद, कन्नुर, विजयवाड़ा और कालीकट सहित 20 हवाई अड्डों से मिलेंगी

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