हाईटेक गौतम बुद्ध नगर के गाँव का हाल एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगा है ताला, दूसरा खंडहर के तब्दील

PPN NEWS
गौतम बुद्ध नगर
Report, Vikram Pandey
हाई टेक गौतम बुद्ध नगर के गाँव का हाल एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगा है ताला, दूसरा खंडहर के तब्दील,
पहली कोरोना लहर में अछूते रहे गाँव में कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों में हाहाकार मचाया हुआ है ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतम बुद्ध नगर दौरा किया, लेकिन इस दौरे में योगी आदित्यनाथ ने वही देखा जो प्रशासन उन्हें दिखाना चाहता था। गाँव में स्वास्थ्य व्यवस्था की क्या दशा है इसके लिए मुख्यमंत्री को दादरी के गाँव लोहारली और चिटेहरा गाँव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक जाना चाहिए, तब पता चलता कि गाँव में स्वास्थ्य सेवाएं अस्तित्व में हैं ही नहीं। एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगा हुआ है जब कि दूसरा खंडहर के तब्दील हो चुका है। इन गाँव में कोरोना कि इलाज और निगरानी के अभाव में होने वाली मौतों का आँकड़ा कहाँ तक पहुँच सकता है, इसकी कल्पना से ही सिहरन होती है।
ये है लोहारली गाँव में बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आप देख सकते हैं कि यह केंद्र गोबर और गंदगी से भरा है और कमरों में गोबर के कंडे और भूसा भरा है। गांव के बुजुर्ग यशपाल बताते हैं कि स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर आते थे लेकिन पिछले काफी समय से कोई डॉक्टर नहीं आया और लोगों को इलाज के लिए दादरी जाना होता है या फिर नौगांव। वही गांव के रहने वाली महिला बताती है कि अस्पताल बंद है और खाली है इसीलिए लोगों ने इसका इस्तेमाल गोबर के कंडे और भूसा भरने के लिए कर रहे हैं। वे कहती हैं कि इलाज के लिए वे दादरी जाती हैं लेकिन जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है अगर मरीज साथ में हो तो और भी कष्ट होता है।
लोहारली गाँव अमित कहते हैं कि उन्होंने इस स्वास्थ्य केंद्र को कभी खुला नहीं देखा। उसको शुरू करने को लेकर लेकर कहीं बार सरकार से गुहार भी लगाई गई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। यहां पर कभी भी स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं आई है। वही ग्राम प्रधान के पति विपिन का कहना है कि पिछले दिनों गाँव कोविड-19 जांच सरकार की तरफ से की गई थी। दूसरी बात उनके अनुरोध पर एसडीएम ने जांच कराई थी जिसमें 70 लोगों की जांच की गई थी और सभी नेगेटिव पाए गए थे। वे कहते हैं कि यहां आंगनवाड़ी है इसकी कार्यकर्ता लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखती हैं गंभीर होने की दशा में ही लोग दादरी के सीएससी सेंटर पर जाते हैं। वे कहते हैं कि यह जमीन स्वास्थ्य विभाग की है इसका वे अपने कार्यकाल में बाउंड्री बनाएंगे और और डॉक्टर डॉक्टर की भी व्यवस्था करेगे ।
दूसरा सेंटर दादरी के गांव में चिटेहरा स्थित है, यह सेंटर भी बंद है यहां पर एक डॉक्टर रहते हैं लेकिन लोगों का इलाज नहीं होता। इस भवन का हाल ही में 6 लाख 32 हजार की लागत से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूरल अर्बन मिशन योजना के तहत नवीनीकरण और जीर्णोद्धार किया गया है। यहां भी लोगों को इलाज के लिए दादरी का रुख करना पड़ता है जो यहां से 9 किलोमीटर की दूरी पर है।
गौतम बुध्द नगर में प्राइवेट अस्पताल, जहाँ चिकित्सकों की कमी नहीं है, आधुनिकतम चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हैं और स्वच्छता के उच्चतम मानदंडों का पालन किया जाता है। लेकिन कोरोना कि दूसरी लहर इन अस्पतालो के संभाले नही संभली ऐसे में इन गाँवों में कोरोना का संक्रमण जो पहुँच रहा है चिकित्सा व निगरानी के अभाव में होने वाली मौतों का आँकड़ा कहाँ तक पहुँच सकता है, इसकी कल्पना से ही डराने वाली है।
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