खेलों को स्कूली स्तर पर बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने की बहुत बड़ी पहल

PPN NEWS
लखनऊ।
रिपोर्ट, अभि ठाकुर
लखनऊ, 26 सितंबर। उत्तर प्रदेश में स्कूली स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने बहुत बड़ी पहल की है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश सरकार ने प्रमुख फुटबॉल कोचिंग प्लेटफॉर्म सुपरकोच के साथ साझेदारी की है जो 'द गेम चेंजर' प्रोजेक्ट के अंतर्गत राज्य में ग्रासरूट फुटबॉल विकास कार्यक्रम शुरू कर रही है।
सुपरस्पोर्ट्स इंटरनेशनल द्वारा विकसित इस प्लेटफॉर्म के साथ साझेदारी के तहत योगी सरकार का उद्देश्य प्राथमिक स्कूलों में फुटबॉल में प्रतिभा की पहचान करना, कोच शिक्षा और खिलाड़ियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।
इस पहल से उत्तर प्रदेश को भारत में फुटबॉल का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। इसका राज्य के 27,000 से अधिक प्राथमिक स्कूलों और लगभग 1.35 करोड़ बच्चों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
स्कूल लेवल पर खेलों के लिए गेम चेंजर साबित होगा प्रोजेक्ट
योगी सरकार और सुपरकोच के बीच यह सहयोग 'द गेम चेंजर' प्रोजेक्ट के लिए किया गया है, जिसका उद्देश्य युवाओं के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान करना है और उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों को ग्रासरूट फुटबॉल विकास केंद्रों में बदलना है।
ये केंद्र प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करेंगे, जहां खिलाड़ियों को यूरोपीय अकादमियों में सफल साबित हुए तरीकों का उपयोग करके प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत पीई शिक्षकों को सुपरकोच एप का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि राज्य भर में फुटबॉल विकास के लिए एक मानकीकृत और संगठित दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके। प्राथमिक स्कूलों में फुटबॉल विकास केंद्र स्थापित करके, यह प्रोजेक्ट सालाना 1.35 करोड़ बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य रखता है, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को समान अवसर प्रदान किए जा सकें।
खेलों के साथ शारीरिक शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि सुपरकोच के साथ यह साझेदारी हमारे मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है, जो स्कूलों में खेल और शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देता है। हम बच्चों को वह साधन और अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो उन्हें मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करेंगे।
यह पहल उत्तर प्रदेश में फुटबॉल प्रतिभा को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और भारत के भविष्य के फुटबॉल सितारों के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकती है। सुपरकोच के कंट्री मैनेजर जोन्स ओल्सन ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी कर सुपरकोच एप को पूरे राज्य के स्कूलों में लाने के लिए बेहद उत्साहित हैं। यह प्रोजेक्ट सिर्फ फुटबॉल के प्रति ही नहीं, बल्कि युवाओं को कौशल, आत्मविश्वास और खेल के प्रति लगाव विकसित करने का अवसर प्रदान करेगा। हमें विश्वास है कि सही कोचिंग और समर्थन से, हम भारत की अगली पीढ़ी के फुटबॉलर्स को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं। इस अवसर पर जोन्स ओल्सन ने अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार को सुपरकोच जर्सी भेंट की।
साझेदारी का कई प्रमुख क्षेत्रों में होगा व्यापक प्रभाव
ग्रासरूट फुटबॉल विकास: प्राथमिक स्कूलों में फुटबॉल कार्यक्रम संचालित करने से कम उम्र में प्रतिभा विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे खिलाड़ियों को प्रारंभिक रूप से प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
कौशल विकास: कोचों और रेफरी को खेल की तकनीकी और समझ को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे खिलाड़ियों के लिए एक बेहतर सीखने का वातावरण तैयार होगा।
सामाजिक-सांस्कृतिक समावेश: फुटबॉल का उपयोग जीवन कौशल शिक्षा के लिए किया जाएगा, जिससे टीमवर्क, अनुशासन और सामाजिक समावेश को बढ़ावा मिलेगा।
प्रोफेशनल करियर की राह: इस सहयोग के माध्यम से, युवा खिलाड़ी और कोच एक बेहतर करियर चुन सकेंगे, जिससे वे प्रोफेशनल फुटबॉल या अन्य भूमिकाओं जैसे कोचिंग और रेफरी के क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगे।
शारीरिक और शैक्षणिक विकास: शोध से पता चला है कि शारीरिक रूप से सक्रिय बच्चे शैक्षणिक रूप से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। स्कूलों में फुटबॉल को बढ़ावा देकर, यह पहल शैक्षणिक प्रदर्शन और समग्र कल्याण को भी बढ़ाने का लक्ष्य रखती है।
प्रोजेक्ट चरण
चरण 1: चरण 1 के तहत टीम ने सुपरकोच एप का उपयोग करके उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में पीई शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है। सुपरकोच टीम ने पहले ही 5 जिलों (लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, झांसी, मेरठ) को कवर किया है और हर जिले में 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है।
चरण 2:योग्य करियर कोच पीई शिक्षकों के साथ मिलकर ग्रासरूट स्तर पर फुटबॉल प्रशिक्षण को और बेहतर बनाएंगे।
चरण 3: वरिष्ठ खिलाड़ियों की पहचान की जाएगी, उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें जूनियर और कैडेट श्रेणियों की कोचिंग में सहायता करने के लिए प्रारंभिक कोच के रूप में भर्ती किया जाएगा।
चरण 4: क्षेत्रीय स्तर पर फुटबॉल लीग और टूर्नामेंट आयोजित किए जाएंगे, जिनमें सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए खोज की जाएगी, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं।
प्लेटफॉर्म की मदद से दिग्गज फुटबॉलर्स को मिली है पहचान
सुपरकोच को सुपरस्पोर्ट्स इंटरनेशनल ने विकसित किया है। यह प्लेटफॉर्म ग्रासरूट कार्यक्रमों से लेकर शीर्ष अकादमियों तक सभी स्तरों पर फुटबॉल कोचिंग को आसान और सुलभ बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। सुपरकोच एप स्वीडन के आईएफ ब्रोमापोजकर्ण (BP) अकादमी से प्रेरणा लेता है, जो यूरोप की सबसे बड़ी प्रतिभा विकास अकादमियों में से एक है। आईएफ ब्रोमापोजकर्ण ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ियों जैसे देजान कुलुसेव्स्की, एल्बिन एक्डाल, जॉन गाइडेट्टी, विक्टर ग्योकरेस और लुकास बर्गवाल का करियर संवारने में मदद की है। यह एप कोचों को 1,200 से अधिक फुटबॉल अभ्यास प्रदान करता है, जो सभी आयु वर्ग के लिए अनुकूलित हैं और इसका उद्देश्य फुटबॉल कोचिंग को ग्रासरूट स्तर से लेकर प्रोफेशनल अकादमियों तक सरल बनाना है।
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