गौशालाओ में संरक्षित गोवंश को शीत ऋतु में सर्दी से बचाव हेतु व्यवस्थायें जल्द से जल्द पूर्ण करायें--जिलाधिकारी

गौशालाओ में संरक्षित गोवंश को शीत ऋतु में सर्दी से बचाव हेतु व्यवस्थायें जल्द से जल्द पूर्ण करायें--जिलाधिकारी

प्रतापगढ 


24.12.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी 



गौशालाओं में संरक्षित गोवंश को शीतऋतु में सर्दी से बचाव हेतु व्यवस्थायें जल्द से जल्द पूर्ण करायें-जिलाधिकारी



जिलाधिकारी डा0 रूपेश कुमार ने स्थाई/अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों एवं गौशालाओं में संरक्षित गोवंश को शीतऋतु में सर्दी से बचाव हेतु व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गोशालाओं में संरक्षित गोवंशों को सर्दी से बचाने के लिये गो-आश्रय स्थलों में रात को बोरी या तिरपाल इत्यादि व ज्वार बाजरा की कर्वी एवं टाट बांधकर हवा और सर्दी से बचाव करें। सर्दियों के दिनों में पशुओं को धूप में बांधे, परन्तु ठंडी हवा से बचाव करना जरूरी है। पशुओं के बैठने के स्थान को सूखा रखने का प्रयास करें, पुवाल या कोई नर्म सस्ती तथा पानी सोखने वाली वस्तु द्वारा पशुओं के नीचे फर्श सूखा रहे और साफ-सफाई भी आसानी से हो सके। पशुओं को ताजा पानी ही पिलाऐं जो अधिक ठंडा या अधिक गर्म न हो। पशुओं को वरसीन या अन्य हरा चारा खिलाने से पहले थोड़ा सा सूखा चारा खिलायें या वरसीन आदि के चारें को सूखे चारे में मिलाकर खिलाना चाहिये ताकि पशुओं को अफारा न हो। सर्दियों में रात के समय सूखा चारा खिलाना लाभदायक रहता है इससे पशुओं का तापमान संयमित रहता है। सम्भव हो तो अलाव की व्यवस्था की जाये परन्तु यह ध्यान रखें कि आग लगने की सम्भावना न हो। समय समय पर डिसइफेक्टेट का छिड़काव करके आश्रय स्थलों को विसंक्रमित किया जाये। सम्बन्धित पशु चिकित्साधिकारियों द्वारा समय-समय पर गो-आश्रय स्थलों को भ्रमण किया जाये तथा बीमार होने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल चिकित्सा कराई जाये। उन्होने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि अधिक्षेत्रान्तर्गत संचालित सभी गोवंश आश्रय स्थलों/गोशालाओं का तत्काल निरीक्षण कर लें और वहां संरक्षित गोवंशीय पशुओं को ठण्ड से बचाव के लिये पर्याप्त टाट व बोरों सहित समस्त व्यवस्थायें सुनिश्चित कराये। 

जिलाधिकारी ने सम्बन्धित ग्राम के सचिव, खण्ड विकास अधिकारी व पशु चिकित्साधिकारी के साथ-साथ सम्बन्धित उपजिलाधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये निर्देशित किया है कि स्थाई/अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल में किसी पशु की ठण्ड से मृत्यु होती है तो सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। ऐसी दशा में किसी स्तर से किसी भी प्रकार की उदासीनता, शिथिलता एवं अनवधानता न होने पाये।

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