हाथरस की घटना में सरकार व पुलिस की भूमिका का आलोकतांत्रिक एवं अमानवीय चेहरा हुआ उजागर--प्रमोद तिवारी
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 7 October, 2020 21:22
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प्रतापगढ
07.10.2020
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
हाथरस की घटना मे सरकार व पुलिस की भूमिका का अलोकतांत्रिक एवं अमानवीय चेहरा हुआ उजागर- प्रमोद तिवारी
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य व यूपी आउटरीच कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने हाथरस की वीभत्स घटना को लेकर प्रदेश सरकार को विरोधी दल के नेताओं को पीडिता के परिवार वालों से मिलने पर लगाई गई रोक के प्रयास तथा अब सरकार की सह पर पुलिस द्वारा दूसरे दल के नेताओं के साथ दुर्व्यवहार की तल्ख आलोचना की है। प्रमोद तिवारी ने सरकार की हाथरस की घटना को लेकर प्रशासन तथा कानूनी दांवपेंच के साथ की जा रही लीपापोती के प्रयास को भी गंभीर अपराध पर पर्दा डालने के प्रदेश सरकार पर असंवैधानिक भूमिका में खड़े होने का आरोप लगाया है। बुधवार को यहां जारी बयान मे कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य श्री तिवारी ने कहा कि पहले सरकार के इशारे पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी जी के साथ पुलिस बल का प्रयोग हुआ और हिंसा तथा दुर्व्यवहार की भी भाजपा सरकार में जनता ने पराकाष्ठा देखी। उन्होने कहा कि पुलिस राहुल व प्रियंका के अलावा विरोधी दल के अन्य नेताओं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह तथा राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी के ऊपर हमले होते रहे और सरकार हाथ पर हाथ धरे देखती रही। श्री तिवारी ने कहा है कि देश की जनता ने यह देखा कि एक बेटी को न्याय दिलाने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साहसिक अभियान के सामने सरकार का दम भी टूटा। उन्होने यह भी कहा है कि राहुल और प्रियंका, बेटी को न्याय दिलाने की पहल से ही अन्य राजनीतिक दल भी इनके अभूतपूर्व धैर्य और साहस तथा अन्याय के विरूद्ध संघर्ष को देखकर खड़े हो सके। प्रमोद तिवारी ने इंसाफ के लिए आवाज उठाने पर दुर्व्यवहार की घटित घटनाओं को पूरी तरह से अलोकतांत्रिक एवं अवैध व अमानवीय भी करार दिया है। सीडब्लूसी सदस्य प्रमोद तिवारी ने हाथरस की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी इस भयावह एवं दिल को झकझोर देने वाली घटना करार दिया जाना तथा गवाहों एवं पीड़ित परिवारों की सुरक्षा और बिटिया के परिवार के सदस्यों को कमरे में बंद कर रात्रि में अंतिम संस्कार कर दिये जाने को लेकर सॉलिसीटर जनरल के जरिए यूपी सरकार से जबाबदेही तय करने के सवाल से भी हाथरस की घटना में सरकार और पुलिस प्रशासन बेनकाब हो उठा है। उन्होने घटना की निष्पक्ष जांच के लिए हाथरस के डीएम को तत्काल प्रभाव से हटाए जाने की मांग करते हुए कहा कि जिस तरह डीएम ने मीडिया व पत्रकारों को डराया व धमकाया तथा न्याय मांगने पर पीड़िता के ताऊ को लात मारी। बकौल प्रमोद तिवारी ऐसे डीएम को अभी तक न हटाया जाना भी सरकार की कमजोरी साबित हो रही है। श्री तिवारी ने दावे के साथ कहा कि डीएम हाथरस ने यह धमकी दी है कि यदि उसे हटाया गया तो वह यह जगजाहिर कर देगें कि लखनऊ के निर्देश पर पीड़िता के परिजनो की इच्छा के खिलाफ रात्रि मे बलपूर्वक अंतिम संस्कार कराया गया। सीडब्लूसी सदस्य प्रमोद तिवारी ने प्रदेश मे बिजली के निजीकरण के सरकार के प्रयास को भी जनता के लिए मंहगी बिजली तथा उपभोक्ताओ को पूंजीपतियो के रहमोंकरम पर खडा करने की भी जनविरोधी साजिश करार दिया है। प्रमोद तिवारी ने बिजली विभाग के निजीकरण का विरोध करते हुए सरकार से कहा है कि वह पूंजीपति के अपने स्वहित के लाभ में रोजगार को बढ़ावा देने की जगह यह सच स्वीकार करें कि सरकार या उसके नियंत्रण वाले निगम जनहित को सर्वोपरि मानकर कार्य किया करते हैं। मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी बयान मे श्री तिवारी ने गलत नोटबंदी तथा अनियंत्रित जीएसटी और गलत समय पर लॉकडाउन तथा कृषि संशोधन के काले कानून को भी भाजपा सरकार से जनता का पूरी तरह से मोह भंग होना करार दिया है। सीडब्लूसी सदस्य प्रमोद तिवारी ने तंज कसते हुए कहा कि डूबते जहाज से यात्रियों के उतरकर भागने की तरह अब एनडीए गठबंधन भी सहयोगी दलों के लिए भी एक एक कर डूबता जहाज दिखने लगा है। बकौल प्रमोद तिवारी पहले शिवसेना और फिर शिरोमणि अकालीदल और अब लोक जनशक्ति पार्टी ने भाजपा सरकार के पतन को निकट भविष्य मे सुनिश्चित देख एनडीए से किनारा कस चुके हैं।
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