प्यारी एवं अन्य कृषि अपशिष्ट जलाया जाने पर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध होगी नियमानुसार कार्यवाही--जिलाधिकारी

प्यारी एवं अन्य कृषि अपशिष्ट जलाया जाने पर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध होगी नियमानुसार कार्यवाही--जिलाधिकारी

प्रतापगढ


08.10.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्ट जलाये जाने पर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध होगी नियमानुसार कार्यवाही-जिलाधिकारी



जिलाधिकारी डा0 रूपेश कुमार ने अवगत कराया है कि माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा फसलों के अपशिष्टों को जलाना प्रतिबन्धित कर दिया गया है। कृषि अपशिष्टों को जलाने वाले दोषी व्यक्तियों को माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के क्रम में पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति हेतु अर्थदण्ड का प्राविधान किया गया है। उन्होने बताया है कि कृषि अपशिष्ट जलाने वाले दोषी व्यक्ति के विरूद्ध पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति/अर्थदण्ड वसूले जाने के सम्बन्ध में निर्देश प्राप्त है कि राजस्व विभाग के अन्तर्गत लेखपालों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर कृषि अपशिष्ट को जलाये जाने की घटना होती है तो दोषी पाये जाने के सम्बन्ध में साक्ष्यों सहित नायब तहसीलदार/तहसीलदार को 03 दिन में सूचित करेगा और नायब तहसीलदार/तहसीलदार द्वारा सम्बन्धित के विरूद्ध 03 दिन के अन्दर सुस्पष्ट कारण बताओ नोटिस जारी किया जायेगा जिसके सम्बन्ध में नायब तहसीलदार/तहसीलदार के स्तर पर सुनवाई के बाद दोषी पाये जाने के फलस्वरूप पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति/अर्थदण्ड का अधिरोपण किया जायेगा। जिलाधिकारी ने बताया है कि पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाये जाने पर कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 2500 रूपये प्रति घटना, 02 एकड़ से अधिक किन्तु 05 एकड़ तक होने की दशा में अर्थदण्ड रूपये 5000 प्रति घटना एवं 05 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड रूपये 15000 प्रति घटना की वसूली की जायेगी। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जनपद के समस्त ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को भी पराली जलाये जाने की रोकथाम हेतु जागरूक किया जाये तथा पराली जलाये जाने की घटना प्रकाश में आने पर उनका उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाये। जनपद के समस्त खण्ड विकास अधिकारी द्वारा अपने-अपने विकास खण्ड में 10 अक्टूबर के पूर्व समस्त ग्राम प्रधानों की बैठक कर इसके सम्बन्ध में अवगत करा दिया जाये तथा समस्त खण्ड विकास अधिकारी अपने क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से भी नियमित रूप से अनुश्रवण कराये तथा कृषकों को जागरूक भी कराये। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाय कि जनपद में स्थापित गौ-आश्रय स्थलों पर कृषि अपशिष्ट/पराली की आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाये ताकि पराली का समुचित उपयोग हो सके। उन्होने कहा कि कृषकों द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु उपयोगी कृषि यन्त्रों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाये जिसे कृषि विभाग द्वारा कृषकों को अनुदान पर उपलब्ध कराया जायेगा। फसल कटाई से पूर्व प्रत्येक न्याय पंचायत/ब्लाक/तहसील स्तर पर तथा जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी/प्रशिक्षण का आयोजन कराकर फसल अवशेष प्रबन्धन योजना का प्रचार प्रसार कराना भी सुनिश्चित किया जायेगा। जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि दिये गये निर्देशों का अनुपालन तथा सचल दस्ते नियमित रूप से भ्रमण कराकर किसी भी स्थिति में पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्ट न जलाये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित कराये तथा दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी की जाये।

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