योग मन को प्रबल और शरीर को बनाता है स्वस्थ्य: हरि चैतन्य ब्रह्मचारी।

प्रकाश प्रभाव न्यूज
योग मन को प्रबल और शरीर को बनाता है स्वस्थ्य: हरि चैतन्य ब्रह्मचारी।
अमेठी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर स्वामी परमहंस आश्रम टीकरमाफी में योग दिवस मनाने के साथ ही लोगों को योग को लेकर जागरूक किया गया। इससे होने वाले दिनचर्या में बदलाव एवं फायदे के बारे में भी जानकारी दी गयी। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर रविवार को टीकरमाफी आश्रम पर लिम्का बुक रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर चुके स्वामी हर्ष चैतन्य महराज ने यौगिक क्रियाओं के अभ्यास एवं उसके बारे में लोगों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि व्यवहारिक स्तर पर शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित कर उसमें तालमेल बनाने का योग एक साधन है।
योग हमारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कष्टों एवं रोगों से मुक्ति दिलाता है। उन्होंने कहा कि योग किसी भी व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ्य, मानसिक रूप से प्रबल बनाने में मदद करता है। इसलिए सफल जीवन, शक्तिशाली जीवन, सम्पूर्ण जीवन, स्वास्थ्य जीवन और सुंदर जीवन के लिए योग बेहद जरूरी है। स्वामी हरि चैतन्य ब्रह्मचारी ने बताया कि भारत में योगाभ्यास की परंपरा करीब पांच हजार साल पुरानी है। योग को शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान माना जाता है। 21 जून को ही योग दिवस मनाने के पीछे उन्होंने एक पौराणिक कथा का उल्लेख करते हुए बताया कि योग का पहला प्रसार भगवान शिव ने अपने उन सात ऋषियों के बीच किया जिन्हें सप्तर्षि कहा जाता है। इन सप्तऋषियों को ग्रीष्म संक्रांति के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा के दिन योग की दीक्षा दी। उन्होंने कहा कि 21 जून को सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढलता है।
इस दिन सूर्य का तेज हर दिन की अपेक्षा सबसे प्रभावी एवं प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा भी सक्रिय रहती है। इस मौके पर आश्रमवासियों के अलावा पूर्व प्रमुख अरुण सिंह, डॉ राधेश्याम तिवारी, पुजारी मोहनदीन मिश्र, दुर्गा शंकर दुवेदी, राम लेहकन सिंह लखहरा, संजय सिंह सोनारी, आरबी सिंह चौहान, लाल साहब सहित कई लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टनसिंग का पालन किया गया।
संवाददाता सरवर अली की खास रिपोर्ट
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