किसान भाई धान की फसल मे जड़ की सूडी़ एवं तना बेधक कीट से अपनी फसल को बचाएं।
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 7 August, 2020 18:29
- 773

प्रतापगढ़
07. 08. 2020
रिपोर्ट --मो. हसनैन हाशमी
किसान भाई धान की फसल में जड़ की सूड़ी एवं तना बेधक कीट से अपनी फसल को बचायेंं
---------------------------------
जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रतापगढ़ डा0 अश्विनी कुमार सिंह ने किसान भाईयों को अवगत कराया है कि वर्तमान समय में धान की फसल अपनी वानस्पतिक अवस्था में चल रही है। धान की फसल में जड़ की सूड़ी एवं तना बेधक कीट से अपनी फसल को बचायें। उन्होने बताया है कि जड़ की सूड़ी (रूट बीबिल) कीट जिस क्षेत्र में जल का अधिक भराव रहता है वहीं पर इस कीट का अधिक प्रकोप होता है। जड़ की सूड़ी कीट चावल के आकार की होती है जो पौधों के जड़ों में पायी जाती है, ये कीट जड़ों के तथा मुख्य तने के रसों को चूसकर पौधों को सुखा देती है जिसके कारण पौधे मृतप्राय हो जाते है। इसके उपचार हेतु पानी का निकास करें एवं कार्वोफ्यूरान 3 जी0 18-20 किग्रा0 प्रति हेक्टे0 अथवा क्लोरोपायरीफास 2.500-3.000 ली0 प्रति हेक्टे0 एवं कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 4 प्रति0 दानेदार रसायन 17-18 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। तना बेधक कीट की सूड़ियां हानिकारक होती है। पूर्ण विकसित सूड़ी हल्के पीले शरीर वाली तथा नारंगी पीले सिर वाली होती है। इसके आक्रमण के फलस्वरूप फसल की वानस्पतिक अवस्था में मृत गोभ तथा बाद में प्रकोप होने पर सफेद बाली बनती है। इसके उपचार हेतु किसान भाई 5 प्रतिशत मृत गोभ अथवा एक अण्डे का झुण्ड वानस्पतिक अवस्था में तथा एक पतंगा/वर्ग मीटर बाल निकलने की अवस्था में दिखाई पड़ने पर कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 4 प्रति0 दानेदार रसायन के 17-18 किग्रा0 प्रति हेक्टे0 की दर से प्रयोग लाभकारी है जो एक सुरक्षित रसायन भी है अथवा 1.500 ली0 नीम आयल प्रति हेक्टे0 की दर से 800.000 ली0 पानी में घोलकर छिड़काव करें।
Comments