लखनऊ मे डॉक्टरों की लापरवाही से युवक की दर्दनाक मौत

लखनऊ मे डॉक्टरों की लापरवाही से युवक की दर्दनाक मौत

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

रिपोर्ट , सर्वेश आब्दी

राजधानी लखनऊ में लगाता प्राइवेट हॉस्पिटल अपनी मोटी कमाई के चक्कर में मरीजों के साथ कर रहे खिलवाड़ मामूली से पेट के दर्द को लेकर अस्पताल पहुंचे युवक को प्राइवेट अस्पताल परस के डॉक्टरों ने युवक को अस्पताल में भर्ती किया भर्ती करने के बाद 20 से 25 दिन तक इलाज चला भर्ती करते ही आनन-फानन में बिना सोचे समझे अंदाजे में युवक का ऑपरेशन करवा ले अल्ट्रासाउंड सीटी स्कैन के बाद हाथ में प्रॉब्लम को लेकर के ऑपरेशन किया गया वहीं कहीं ना कहीं डॉ पी एस यादव पारस अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई जिसकी वजह से एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई आखिरकार इसका जिम्मेदार कौन होगा प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों की मनमानी के चक्कर में आम जनमानस को ऐसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वही डॉक्टरों ने  युवक के पहले अल्ट्रासाउंड स्कैन कराया जिसके बाद हुक्का मार कर के ऑपरेशन करने वाला जबकि डॉ क्या साफ तौर से कहना है कि आंतों का लिंफोमा बताया लेकिन जब इस तरह की घातक बीमारी किसी मरीज को होती हैं तो उसके साथ एतिहाद के साथ इलाज किया जाता है लेकिन कहीं ना कहीं पारस अस्पताल की लापरवाही थी जिसके जरिए बिना सूझबूझ के बिना किसी रिपोर्ट के अंदाजे में ऑपरेशन किए गए जिसकी वजह से युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी साफ कह सकते हैं राजधानी लखनऊ में जिस तरह से प्राइवेट अस्पतालों का बोलबाला है लगातार मनमाने तरीके से इलाज करने का तरीका है इससे आम जनता को कितनी दिक्कतें होती है इसका अंदाजा इस मरीज की मौत से लग सकता है 

लखनऊ के बख्शी का तालाब मैं स्थित  पारस अस्पताल की लापरवाही से एक युवक की दर्दनाक तरीके से मौत हो गई जिसके बाद परिजनों में हंगामा मच गया युवक के घर पर सिर्फ उसके मासूम तीन बच्चे ही थे  बच्चे ही अपने पिता का इलाज  लगा तार अस्पताल में करा रहे थे जिसके बाद अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पिता की दर्दनाक मौत हो गई गलत ऑपरेशन करने के बाद युवक की मौत के बाद बच्चों के ऊपर से उनके पिता का साया उठ गया वहीं अगर मासूम बच्चों की मानें तो मासूम बच्चों  से लगभग  पांच लाख की  धनराशि प्राइवेट अस्पताल प्रशासन के डॉक्टरों ने वसूली लेकिन लंबी लंबी जांच कराई जांच कराने के लगातार लगभग 20 से 25 दिन तक इलाज चलता रहा जब कैंसर जैसी बीमारी होती हैं तो किसी भी मरीज का ऑपरेशन नहीं किया जा सकता लेकिन कहीं ना कहीं अस्पताल प्रशासन ने रिपोर्ट को गौर से नहीं देखा जिसकी वजह से आनन-फानन में एक बार नहीं दो बार उसका पेट काटकर ऑपरेशन कर दिया जिसके बाद युवक की दर्दनाक मौत हो गई मौत के बाद जबरन अस्पताल प्रशासन ने युवक को उसके घर पर छोड़ दिया साथ कह सकते हैं मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने दबाव बनाया कि किसी भी तरह की कार्यवाही ना करवाएं जिसकी वजह से मृतक युवक को अस्पताल से ले जाकर जबरन उसके गांव उसके घर पर छोड़ दिया गया आप साफ साफ कहा.सकते हैं कि आखिरकार लापरवाही अगर डॉक्टर की नहीं थी तो उसका ऑपरेशन कैसे हुआ और डॉक्टरों ने जबरदस्ती अस्पताल के कपड़े में ही कैसे युवक को उसके आवास पर छोड़ा आप बता सकते हैं कि जिस तरीके से युवक को इलाज के दौरान मृत्यु होने के बाद जबरन उसके घर पर अस्पताल की जिसमें ही जबरन छोड़ देना इस सवाल खड़ा करता है कि आखिरकार कहीं ना कहीं कैंसर जैसी बीमारी में जब डॉक्टर ने आनन-फानन में गलत ऑपरेशन किए जिसकी वजह से उसकी मौत हुई अपने आप को बचाने के चक्कर में अस्पताल प्रशासन ने युवक को जबरन उसके घर छोड़ा मृतक युवक की मौत के लगभग 3 दिन बीत चुके हैं तब से लगातार उसके मासूम बच्चे न्याय की गुहार लगाते हुए लगातार अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन पारस अस्पताल के बोल बाले के चक्कर में उन मासूम बच्चों की कोई भी सुनने वाला नहीं है।

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