यूपी मे करोना से निपटने के इंतेज़ामो पर इलाहाबाद हाई कोर्ट नाराज़ ।

यूपी मे करोना से निपटने के इंतेज़ामो पर इलाहाबाद हाई कोर्ट  नाराज़ ।

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

रिपोर्टर :ज़मन अब्बास

दिनांक :13/12/2020

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के चार बड़े शहरों लखनऊ, मेरठ, गौतमबुद्धनगर और गाज़ियाबाद में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले देखते हुए रोक-थाम के उपायों पर असंतोष जताया है। कोर्ट ने कहा है कि हालांकि पुलिस काफी प्रयास कर रही है, इसके बावजूद संक्रमण बढ़ रहा है, जो कि बताता है कि अभी बहुत कुछ  इस पर  किया जाना बाकी है। इन जिलों के पुलिस और प्रशासनिक अफसरों  द्वारा दाखिल हलफनामों को देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि इनमें पूरी जानकारी नहीं दी गई है। कोर्ट ने अगली तारीख पर बेहतर जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। 

कोर्ट ने ये भी कहा है कि हर सड़क पर प्रत्येक दो किलोमीटर की दूरी पर दो कांस्टेबल तैनात किए जाएं, जो लोगों को मास्क पहनने के नियम का अनिवार्य रूप से पालन कराएं। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर उन पुलिसकर्मियों के नामों की सूची पेश करने के लिए कहा है, जिनकी तैनाती की गई है। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि कोराना टेस्टिंग हर दिन बढ़ाई जा रही है। कोर्ट का कहना था कि कोरोना संक्रमितों की ट्रैकिंग ठीक से न होने की वजह से संक्रमण रोकने में कामयाबी नहीं मिल रही है। 

लखनऊ के जिलाधिकारी द्वारा पेश हलफनामे को देखने के बाद सुनवाई कर रही जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की पीठ ने कहा कि हर दिन तीन सौ से अधिक संक्रमित मिलना चिंताजनक है। सिर्फ पुलिसिंग के जरिये ही मास्क पहनने के नियम का पालन कराया जा सकता है। एडवोकेट कमिश्नर ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद अभी भी खाने-पीने की चीजें खुले में बेची और खाई जा रही हैं। कोर्ट ने कहा कि खाने-पीने का सामान बंद पैकेट में ही बिके, यह सुनिश्चित किया जाए। 

खंडपीठ ने प्रयागराज पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की है। मास्क पहनने के नियम का सख्ती से पालन करवाने की वजह से प्रयागराज में संक्रमितों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। 

हाईकोर्ट को बताया गया कि बहुत से स्कूल कॉलेज सात दिसंबर से खोल दिए गए हैं। मगर उनमें अध्यापकों व छात्रों द्वारा कोविड गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित करवाने की कोई व्यवस्था नहीं है। कोर्ट ने कहा कि छोटे बच्चों द्वारा गाइड लाइन के उल्लंघन की पूरी संभावना है। इसलिए बिना भेदभाव प्राइवेट और सरकारी स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग और सैनिटाइजेशन का काम किया जाए ताकि इन सब लोगो को कोरोना से बचाया जा सके । याचिका पर अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।

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