कृषि क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने हेतु फार्म गेट पर अवस्थापना सृजित करने के संबंध में जिलाधिकारी ने की बैठक
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 5 October, 2020 18:02
- 561

प्रतापगढ
05.10.2020
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
कृषि क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने हेतु फार्म गेट पर अवस्थापना सृजित करने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने की बैठक
जिलाधिकारी डा0 रूपेश कुमार की अध्यक्षता में आज कैम्प कार्यालय के सभागार में कृषि क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ाने हेतु फार्म गेट पर अवस्थापना सृजित करने के सम्बन्ध में बैठक की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने हेतु फार्म गेट पर अवस्थापना सृजित करने के उद्देश्य से केन्द्र पोषित कृषि अवस्थापना निधि की स्थापना की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत निजी/सहकारी/शासकीय क्षेत्र द्वारा विभिन्न प्रकार के कृषि अवस्थापना को विकसित करने हेतु वित्तीय संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराये गये ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज की छूट केन्द्र सरकार द्वारा दी जायेगी। साथ ही साथ लघु एवं मध्यम इकाईयों को क्रेडिट गारण्टी भी उपलब्ध करायी जायेगी। योजना के संचालन हेतु राज्य व जिला स्तर पर अनुश्रवण समिति बनायी गयी है, जिला स्तर पर अनुश्रवण समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित की गयी है। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जनपद में समिति की बैठक नियमित रूप से की जाये जिससे योजना के प्रगति का अनुश्रवण भी हो सके और आने वाली कठिनाईयों का निराकरण भी सम्भव हो सके। अवस्थापना निधि के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार प्रसार स्थानीय स्तर पर किया जाये जिसमें विभिन्न व्यापारी एवं उद्योग संगठनों को भी सम्मिलित किया जाये। प्रयास किया जाये कि निजी क्षेत्र में इस सम्बन्ध में इस निधि के उपयोग हेतु अधिक से अधिक परियोजनायें वित्त पोषण हेतु बैंकों को प्रेषित की जाये। योजना के अनुश्रवण हेतु केन्द्रीय कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा एक पोर्टल विकसित किया गया है जिसमें वित्तीय संगठनों को प्रस्तुत किये गये परियोजनाओं का अपलोड किया जायेगा जिससे केन्द्र स्तर पर भी उसके अनुश्रवण हेतु वित्त पोषण की समीक्षा हो सके। सहकारी संस्थाओं, कृषि उत्पादन संगठनों एवं मण्डी परिषद इत्यादि शासकीय एजेन्सियों में भी कृषि अवस्थापना विकसित करने हेतु स्थानीय आवश्यकतानुसार परियोजना तैयार करते हुये वित्तीय संस्थाओं को प्रस्तुत की जाये एवं केन्द्रीय पोर्टल पर अपलोड की जाये। उन्होने बताया कि सरकारी वित्तीय सहायता हेतु ऋण अनुदान योजना के अन्तर्गत 3 प्रतिशत प्रति वर्ष रूपये 2 करोड़ तक, यह सब-वेंशन 7 वर्ष की अधिकतम अवधि के लिये उपलब्ध होगा, 2 करोड़ रूप से अधिक के ऋण मामले में फिर ब्याज सबवेंशन को 2 करोड़ तक सीमित किया जायेगा, कुल वित्त पोषण में से निजी उद्यमियों को वित्तपोषण की सीमा और प्रतिशत राष्ट्रीय निगरानी समिति द्वारा तय किया जायेगा। जिलाधिकारी ने योग्य परियोजनाएं में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स के अन्तर्गत बताया कि ई-मार्केटिंग प्लेट्फार्म सहित आपूर्ति श्रृंखला सेवायें, गोदाम, सिलोस (भुमिगत कक्ष), पैक हाउस, अस्सयिंग इकाइयॉ, सॉटिंग और ग्रेडिंग इकाइयां, कोल्ड चैन, रसद सुविधायें, प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र, रिपाईन चैम्बर-पकाने वाला कक्ष सम्मिलित है। इसी प्रकार सामुदायिक खेती की सम्पत्ति के निर्माण के लिये व्यवहार्य परियोजनाओं के अन्तर्गत जैविक आदानों का उत्पादन, जैव उत्तेजक उत्पादन इकाइयॉ, स्मार्ट और सटीक कृषि के लिये बुनियादी ढांचा, निर्यात क्लस्टर सहित फसलों के समूहों के लिये आपूर्ति श्रृंखला अवसंरचना प्रदान करने के लिये पहचान की गई परियोजनाएं, पीपीपी के तहत केन्द्र/राज्य/स्थानीय सरकारों या उनकी एजेन्सियों द्वारा प्रवर्तित परियोजनाएं सामुदायिक कृषि सम्पत्ति या फसल प्रबन्धन परियोजनाओं के निर्माण के लिये तथा सॉटिंग और ग्रेडिंग इकाइयॉ है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अश्विनी कुमार पाण्डेय, जिला कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार सिंह, डीडीएम नाबार्ड बृजेन्द्र कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
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