विकास से अछूता बरौहा गाँव , नारकीय जीवन जीने को मजबूर ग्रामीण

विकास से अछूता बरौहा गाँव , नारकीय जीवन जीने को मजबूर ग्रामीण

विकास से अछूता बरौहा गाँव

नारकीय जीवन जीने को मजबूर ग्रामीण


रिपोर्ट,  कमलेन्द्र सिंह

पी पी एन न्यूज

हुसैनगंज/ फतेहपुर 

भले ही केन्द्र व प्रदेश सरकारें गाँव को शहरों तर्ज पर विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये करोड़ो रूपये की निधि अवमुक्त करती रहती हों।

किन्तु जिम्मेदार ग्राम प्रधान, पँचायत सेक्रेटरी गाँव के विकास के लिये अवमुक्त धन को धरातल में ना खर्च कर केवल कागजी कोरम पूरा कर आपसी बन्दरबांट तक ही सीमित कर देते हैं।

ऐसा ही एक मामला हुसैनगंज थाना क्षेत्र के बरौहा गाँव का प्रकाश मे आया ।

जहाँ के विकास के लिये भले ही केन्द्र व प्रदेश सरकार ने करोड़ो रूपये की निधि अवमुक्त की हो। किन्तु हकीकत तो ये है कि उपरोक्त गाँव के ग्राम प्रधान पँचायत सेक्रेटरी ने गाँव के विकास के लिये अवमुक्त धन को गाँव के विकास कार्यों में खर्च करने की बजाय केवल कागजी कोरम पूरा कर आपसी बन्दरबांट तक ही सीमित कर दिया।

जिनकी मनमानी व खाऊ कमाऊ नीति का खामियाजा गाँव की जनता को नाली, सड़क, खड़ंजा, स्वछ पेयजल जैसी मूल भूत सुविधाओं से वंचित रहते हुए नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है।

वहीं बकौल ग्रामीण गाँव की पहले तो कोई भी सड़क पक्की नहीं बनी है। एक आध जो बनी भी हैं।   वो भी नालियां न बनी होने के बारिश व घरों से निकलने वाला दूषित पानी भी सड़को, कच्चे गलियारों में भरा रहता है। जिससे ग्रामीणों को मजबूरन दलदल युक्त रास्तों से आवागमन करना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान प्रधान का पंचवर्षीय कार्यकाल पूरा होने को है। लेकिन ग्राम प्रधान ने आज तक गाँव मे एक अदद पक्की सड़क तो दूर की कौड़ी बल्कि पक्का खड़ंजा लगवाना भी मुनाशिब नहीं समझा। बकौल ग्रामीण हां इतना जरूर है। कि इन पाँच वर्ष के कार्यकाल के दौरान ग्राम प्रधान व पँचायत सेक्रेटरी ने कई पुराने कार्यों को कागजों में नया दिखाकर लाखों रूपये का फर्जी बिल  जरूर पास करवा लिया।

वहीं ग्राम प्रधान द्वारा स्वछ पेयजलापूर्ति के लिये  हैण्डपम्प भी जो एक आधे हैण्ड पम्प लगवाए गए थे। उनसे भी पानी की जगह बालू निकल रही है। जो कि रिबोर की स्थित में हैं।

जिससे हम लोगों को स्वछ पेयजलापूर्ति के लिये भी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि यदि हम लोग अपनी समस्याओं को ग्राम प्रधान या किसी सक्षम अधिकारी के सामने बताते हैं। तो दबंग ग्राम प्रधान हम लोगों की समस्याओं का निराकरण कराने की बजाय हमारे साथ अभद्रता व पुनः शिकायत करने पर जान माल की धमकी भी देते हैं।

ग्राम प्रधान के इस प्रकार के कृत्य जनता को ये सोंचने को मजबूर करते हैं। कि क्या देश के पीएम मोदी और योगी ऐसी ही विकास की गंगा बहाने का ढिंढोरा पीट रहे हैं क्या। जिसमें आवाम को उसके जीवन की मूल भूत नाली, सड़क, व स्वच्छ पेयजलापूर्ति जैसी सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है।

इस दौरान ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान  पँचायत सेक्रेटरी समेत पँचायत मित्र के ऊपर ग्राम निधि के दुरूपयोग व निज उपयोग का आरोप भी लगाया।

जिन्होंने विकास खण्ड के उच्चाधिकारियों की भूमिका को भी पूर्णतः संदिग्ध बताई।

वहीं इस सम्बन्ध में जब ग्राम प्रधान से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका सेल फोन बंद होने की वजह से उनसे बात नहीं हो पाई।

हलांकि वी डी ओ ने पूरे मामले की जाँच करवा दोषीजनों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की बात कही है।

वहीं सी डी ओ सत्य प्रकाश ने कहा कि मामले की टीम गठित कर जाँच कराई जाएगी। और दोष शिद्ध होने पर दोषीजनों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

वहीं जिलाधिकारी संजीव सिंह ने कहा कि गाँव के विकास के लिये अवमुक्त धन को गाँव के विकास में ही खर्च होना चाहिए। ना कि निजी उपयोग में किसी को सरकारी धन के निज व दुर्पयोग की इजाजत नहीं दी जाएगी। 

पूरे मामले की जाँच करवा दोषीजनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

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