पुलिसकर्मी और वन विभाग का बंदर के बच्चे को छीनकर ले जाने पर और महिला और बच्चे का बिलखते का वीडियो हुआ वायरल

पुलिसकर्मी और वन विभाग का बंदर के बच्चे को छीनकर ले जाने पर और महिला और बच्चे का बिलखते का वीडियो हुआ वायरल

प्रकाश प्रभाव न्यूज़

नोयडा।

रिपोर्ट, विक्रम पांडेय

पुलिसकर्मी और वन विभाग का बंदर के बच्चे को छीनकर ले जाने पर और महिला और बच्चे का बिलखते का वीडियो हुआ वायरल


रात से परिवार ने नही खाया खाना, लोगो से अपने भवानी से मिलाने की लगा रहे है गुहार


ग्रेटर नोएडा में एक वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी और वन विभाग के लोग एक महिला और एक बच्चे से एक बंदर के बच्चे को छीनकर ले जा रहे है।

जिसके बाद महिला और उसका बच्चा बिल-बिलख कर रो रहे थे और बंदर के उस बच्चे को वापस मांग रहे थे, लेकिन पुलिसकर्मी उस बंदर के बच्चे को ले गए और पुलिस विभाग के मीडिया सेल का कहना है कि उनको पीपुल्स  फोर एनीमल्स के तरफ सूचना मिली की यह लोग उस बच्चे को बेचने वाले थे, इसलिये ये कार्रवाही करते हुए बन्दर के बच्चे को जंगल में छोड़ दिया गया. लेकिन मामले की पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और निकल कर आई।

रोते हुए बच्चे के पास छोटे बन्दर के बच्चे को छीन कर पुलिस और  वन विभाग के लोग ले जा रहे है पूरा परिवार हाथ जोड़कर उन उन लोगो से  गुहार लगाते रहे रोते रहे, बिलखते रहे और रो कर बेहोश भी हो गए लेकिन वन विभाग की टीम पर कोई असर नही पड़ा और वो बंदर  को अपने साथ ले गए।

तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि किस तरह से हाथ जोड़कर यह महिला अपने बंदर के बच्चे के लिए रो रही है और गुहार लगा रही है कि उनके बिछड़े हुए बंदर के बच्चे को वापस उसके परिवार से मिला देना चाहिए। इन लोगों ने बताया कि करीब 3 महीने पहले इस बच्चे को यह लेकर आए थे तभी से वह उनके यहां पर परिवार के सदस्य की तरह रह रहा था और बंदर के उस बच्चे को अपने बेटे की तरह ही यह पाल रही थी।

इनकी बेटी अभिलाशा के साथ ही वह खाना खाता था, सोता था और साथ ही घूमता था। यह सभी लोग ग्रेटर नोएडा के अल्फा 2 की  झुग्गियों में रहते थे और कबाड़ा बीनकर अपना पालन पोषण करते है साथ ही उसी में उस बंदर के बच्चे का भी पोषण करते थे । 

अभिलाशा का कहना है उन्होंने उसका नाम भवानी रखा था लेकिन शायद किसी को इनका जानवर से प्रेम पसंद नहीं आया और उन्होंने वन विभाग और पुलिस से इसकी शिकायत कर दी। इसके बाद देर शाम झुग्गियों में पुलिस और वन विभाग की टीम पहुंची और इन लोगों से जबरन भवानी को छीनकर कर ले गई,ये पूरा परिवार हाथ जोड़कर उन उन लोगो से  गुहार लगाते रहे रोते रहे, बिलखते रहे और रो कर बेहोश भी हो गए लेकिन वन विभाग की टीम पर कोई असर नही पड़ा और वो बंदर  को अपने साथ ले गए।

वहां मौजूद पड़ोसियों ने बताया कि यह लोग पूरा दिन उस बंदर के बच्चे के साथ ही रहा करते थे, उसके लिए अलग से दूध भी लिया करते थे साथ ही परिवार वालों ने बताया कि रात से किसी ने भी घर में खाना नहीं खाया है।

उन्होंने कहा कि वह बंदर नहीं उनकी परिवार का सदस्य था, उन्होंने बताया की हम उसको बेचना नही चाहते थे, हम तो उसको अपने हमेशा साथ ही रखते थे। किसी ने झूठी सूचना दी और उसके बाद पुलिस हमसे वह बच्चा छीन कर ले गई ।

पुलिस का कहना है कि ये कार्रवाही एनजीओ पीपुल्स फोर एनीमल्स के तरफ से की गए इस शिकायत पर की गई ये लोग उस बच्चे को बेचने वाले थे, लेकिन वन विभाग के अधिकारी प्रमोद श्रीवास्तव का कहना है की बन्दर के बच्चे को बेचने की बात सही नहीं है, लेकिन बन्दर पालतू जानवर नहीं वन्य प्राणी है इसलिये उसे जंगल में छोड़ दिया गया।

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