पुलिस को कई बार शिकायत करने पर भी पीडित को नहीं मिला न्याय

पुलिस को कई बार शिकायत करने पर भी पीडित को नहीं मिला न्याय

Prakash Prabhaw 

पुलिस को कई बार शिकायत करने पर भी पीडित को नहीं मिला न्याय 


पीड़ित ने तहसील दिवस पर दिया शिकायती पत्र, क्या दुर्गा चरण को न्याय मिलेगा  ?


सरेनी (रायबरेली) ।। भारतीय जनता पार्टी कि योगी सरकार ने गरीबों की जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों पर अंकुश लगाने के लिए अपनी सख्ती दिखाई थी। परंतु सरेनी थाना क्षेत्र में एक गरीब परिवार के साथ कुछ ऐसा देखने को मिला जिसमें सरकार के सारे दावों की पोल खोल कर रख दी है । सरेनी थाना क्षेत्र के डूंडी मजरे भोजपुर निवासी दुर्गा चरण पुत्र स्व0 गया प्रसाद ने सरेनी थाना में दो बार शिकायत करने के साथ ही तहसील लालगंज में तहसील दिवस में भी गाँव के ही विशेसर और सोनू के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था , जिसमे साफ कहा है कि उसकी एक कोठरी बनी थी और विपक्षीगण ने पीड़ित की कोठरी  को जबरदस्ती गिरा रहे है ।

जिसकी शिकायत पीड़ित के द्वारा थाना प्रभारी सरेनी को 3 जनवरी और 4 जनवरी शाम को 7 बजे फोन से सरेनी थानाध्यक्ष को सूचित किया था और जब सूचना के बाद भी पुलिस नहीं पहुची तो डायल 112 व 1076 में भी फोन किया था ।

किंतु फोन करने पर भी कोई पुलिस कर्मी नहीं पहुंचा और विपक्षियों के द्वारा दुर्गाचरण की कोठरी की दीवाल गिरा दी गई और मना करने पर माँ बहन की भद्दी - भद्दी गालियां देने लगे और जान से मार डालने तक की धमकी देने लगे ।

बताते चलें कि विपक्षी विशेसर पुत्र स्व0 भगौती प्रसाद निवासी डूंडी मजरे भोजपुर थाना सरेनी रायबरेली के विरुद्ध पीड़ित ने 2 / 3 जनवरी की रात्रि लगभग 3 बजे अपने 3 अज्ञात साथियों के साथ प्रार्थी की कोठरी की पूर्वी दीवाल को गिरा देने की शिकायत सरेनी पुलिस से दर्ज कराई थी।

पीड़ित ने जब सुबह दीवाल गिराने का कारण पूंछा तो विपक्षियों ने उल्टा पीड़ित को ही माँ बहन की भद्दी भद्दी गालियां देते हुये जान से मारने की धमकी भी दी। विपक्षी किस प्रकार के सरहंग व दबंग किस्म के व्यक्ति है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि दोबारा फिर से 4 जनवरी शाम को करीब 7 बजे सरहंगी व दबंगई से विशेसर और सोमवंशी खेड़ा गांव के सोनू पुत्र महेश व तीन अज्ञात लोगों ने प्रार्थी की कोठरी गिरा दिया और पीड़ित द्वारा मना करने पर माँ बहन की भद्दी - भद्दी गालियां देते हुये हमलावर हो गये और जान से मार डालने की धमकियां देने लगे ।

पीड़ित व पीड़ित के परिजनों ने सोनू को मौके पर दीवाल गिराते हुये पकड़ लिया था लेकिन गांव के शिवचरण पुत्र सीताराम ने उसे छुड़वा दिया था । विपक्षियों द्वारा कोठरी की दीवाल गिराने की पूरी घटना को गांव के तमाम लोगो ने देखा व सुना था ।

जिसकी भी शिकायत सरेनी पुलिस से की गई लेकिन पहले की तरह इस बार भी सरेनी थानाध्यक्ष  ने पीड़ित की एक भी न सुनी । तब पीड़ित ने एक बार फिर तहसील दिवस में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है ।

देखना यह है कि तहसील दिवस से गरीब पीड़ित को न्याय मिलता है या नहीं , यह तो आने वाला समय ही बतायेगा

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