कोरोना महामारी से ज्यादा घातक है देश में बेरोजगारी
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 18 July, 2020 08:43
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Prakash prabhaw news
प्रतापगढ़
रिपोर्ट --मो. हसनैन हाशमी
कोरोना महामारी से ज्यादा घातक है देश में बेरोजगारी ।
भारत देश में जनवरी में पहले मामले के साथ कोरोना ने दस्तक दिया। मार्च से इसकी गम्भीरता भारत मे शुरू हुयी। पहले जनता कर्फ्यू, अलग अलग राज्यो में लॉकडाउन फिर पूरे भारत मे सम्पूर्ण लॉकडाउन। अब तक भारत की सरकार व भारत के लोग इस महामारी की गम्भीरता को समझ चुके थे। जनता कर्फ्यू और पहले 21 दिन के लॉक डाउन से भारत के लोगो को बहुत उम्मीद थी कि इस महामारी को हम काबू में कर पाएंगे। लेकिन शायद जैसा सोचा गया वैसा हुआ नही और लॉक डाउन बढ़ता गया। लॉक डाउन बढ़ता रहा, उसी के साथ कोरोना के मामले भी बढ़ते रहे। लॉक डाउन से जहाँ सरकारों ने अपनी अपनी तैयारी करने की कोशिश की वही अब कोरोना की सकारात्मकता को लेकर लोगो के में नकारात्मकता बढ़ती जा रही थी। एक तरफ लॉक डाउन बढ़ रहा था तो दूसरी तरफ बेरोजगारी बढ़ रही थी। कई कई प्रवासी मजदूर अपने घर वापसी को निकल पड़े थे। लोगो के काम बंद थे हौसले पस्त होने की तरफ थे। इस बीच तैयारियो व कुछ नियम के साथ अब देश को अनलॉक किया जा रहा है। लेकिन इन सब के बीच एक चीज थी जो व्यापक स्तर पर कोरोना से भी ज्यादा तेजी से फैल चुकी है बेरोजगारी। कहीं न कहीं से इस महामारी के कारण बेरोजगारी बढ़ रही थी। सभी मजदूर अपने अपने घर आ चुके थे जिसके कारण काफी सारी फैक्ट्रियां बंद पड़ी थीं। इन कुशल श्रमिको के बदौलत जिनके काम काज चल रहे थे सब बंद पड़ चुके थे। उधर शहरों में काम बंद था तो शहर में कमाने वाले कई परिवार गांव में पिछले कई दिनों से गुजर बसर कर रहे थे। एक सम्पन्न परिवार भी अंदर से खोखला हो चुका था। लोगो के पास भूख तो वही थी और उस भूख को तृप्त कर सके वो काम नही रह गया था। जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका था। बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से बाधित चल रही है। और फिर ये बेरोजगारी महामारी फैलने का एक और आधार बन रहा था। शहर में रह रहे लोगो के पास गांव में कोई काम नही था। आपस में लोगो का एक साथ बैठना, शहर से संक्रमण को अपने साथ गाँव मे लाना अब ये काम बेरोजगार कंधों से आसान हो रहा था। कहीं न कहीं महामारी से बेरोजगारी उत्पन्न हुई और फिर से इस बेरोजगारी से महामारी को और बल मिला ऐसा प्रतीत होता है।लोगो को सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना से लड़ना है निराश नही होना है। कोरोना की दवाई है उसका इस्तेमाल करें। दो गज की दूरी, नियमित समय पर हाथ को धुलते रहना या सेनेटाइजर का इस्तेमाल और मास्क।इस दवाई का सख्ती से अनुसरण करें और अपने आस पास किसी को निराश न होने दें उन्हें हौसला दें हम सब साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे। बढ़ेंगे साथ हम सब मुस्कुराएंगे इंडिया को हर बार जिताया है इस बार भी जिताएंगे।
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