टायर उधार न देने पर की गई दुकानदार व उसके परिजनों के साथ मार पीट, पुलिस बनी रही तमाशबीन।

टायर उधार न देने पर की गई दुकानदार व उसके परिजनों के साथ मार पीट, पुलिस बनी रही तमाशबीन।

प्रतापगढ 

04.11.2020


रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी 


टायर उधार न देने पर की गई दुकानदार व उसके परिजनों के साथ मार पीट, पुलिस बनी रही तमाशबीन 


प्रतापगढ़ कोतवाली नगर के पल्टन बाजार में इंडियन टायर हाउस पर टायर उधार न देने पर हुई मारपीट। मौके पर पहुँची पुलिस बनी रही तमाशबीन।इंडियन टायर हाउस के प्रोपराइटर संजय विश्वकर्मा को उसका रिश्तेदार अमित विश्वकर्मा पुत्र हरिकेश विश्वकर्मा निवासी राजगढ़ थाना कोतवाली और उनके सहयोगी युवक ने उधार टायर माँगा। न देने पर माँ बहन की भद्दी-भद्दी गालियाँ देना शुरू किए। मना करने अपने पिता वरिष्ठ अधिवक्ता को बुला लिया। वरिष्ठ अधिवक्ता के कारण उनके साथ दर्जनों अधिवक्ता संजय विश्कर्मा की दुकान में घुसकर मारपीट करने लगे। सड़क पर दुकान के अंदर मारपीट होने से सड़क पर जाम लग गया और अफरा तफरी मच गई।सूचना पर पुलिस पहुँच कर दोनों पक्षों को कोतवाली नगर ले गई। जहाँ दोनों पक्षों में सुलह-समझौते की बात चल रही है। युवक और उनके पिता और दर्जनों साथी तो मौका पाते ही खिसक लिए। अब कोतवाली नगर के कार्यालय में इंडियन टायर हाउस के प्रोपराइटर संजय विश्वकर्मा उनका छोटा भाई अमित विश्वकर्मा और मारपीट करने का आरोपी अमित विश्वकर्मा बचे हुए हैं। संजय विश्वकर्मा को जब अमित और युवक और उनके सहयोग में आये दर्जनों अधिवक्ताओं द्वारा मारा पीटा जा रहा था तो संजय के पिता संतलाल और भाई अमित भी मौके पर खबर पाकर पहुँचे। उन दोनों को भी बुरी तरह मारकर घायल कर दिया गया।वरिष्ठ अधिवक्ता देखने में तो बहुत सीनियर दिख रहे थे और सहारे के लिए छड़ी लिए थे परन्तु बहुत ही गंदी-गंदी गालियाँ दे रहे थे। ये बाते प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई। सभी दुकानदारों में इस बात का रोष है कि दुकानदार को मारा पीटा भी गया और बेइज्जत भी किया गया। उल्टे पुलिस भी उसी को उठाकर ले गई। यही है,योगी सरकार में न्याय पाने की ब्यवस्था। आखिर वकील हो जाने से एक अधिवक्ता को ये छूट किस नियम कानून के तहत मिल जाती है कि कोई दुकानदार यदि अपना सामान उधार न दे तो उसके साथ गैंग के रूप में आकर मारपीट करो और उसको बेइज्जत करो।इंडियन टायर हाउस के प्रो संजय विश्वकर्मा के पिताजी संतलाल ने बताया कि वो छुड़ा रहे देर तो वरिष्ठ अधिवक्ता उनका गिरेबान पकड़ कर उन्हें धक्का दिया और कान तक उखाड़ लिया। संजय विश्वकर्मा का आरोप है कि उनका दूर का रिश्तेदार अमित विश्वकर्मा अपने साथी युवक के साथ दारू पिये हुए था। दोनों दुकान पर आते ही भद्दी-भद्दी गालियाँ देने लगे। संजय विश्वकर्मा का पुलिस प्रशासन और योगी सरकार से सवाल है कि कोई शराब के नशे में यदि किसी दुकानदार से जोर जबरदस्ती कर समान की माँग करे और सामान न देने पर उसको मारे पीटे और सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस जब सूचना पर पहुँचे तो वह पीड़ित को ही कोतवाली उठा ले जाए।

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