परमात्मा को समर्पित दूषण भी बन जाते हैं भूषण --आचार्य त्रिपाठी

परमात्मा को समर्पित दूषण भी बन जाते हैं भूषण --आचार्य त्रिपाठी

प्रतापगढ 




24.04.2022




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



परमात्मा को समर्पित दूषण भी बन जाते हैं भूषण--- आचार्य सुभाषचन्द्र त्रिपाठी



 प्रतापगढ़।प्रतापगढ जनपद के ब्लॉक सांगीपुर स्थित ग्राम रांकी (पूरे लम्मरदार) में श्रीधाम अयोध्या (तीन त्रिशूल तिवारी मंदिर) के परम गुरुदेव पंडित शिवेश्वरपति त्रिपाठी जी महाराज के परमशिष्य एवं कृपा पात्र लब्धप्रतिष्ठित कथाव्यास, भागवतभूषण आचार्य पंडित सुभाष चंद्र त्रिपाठी जी महाराज के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं मुख्य यजमान सेवानिवृत्त शिक्षक लाल जीत सिंह  एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सावित्री सिंह व परिवारीजन सहित क्षेत्र के तमाम बुद्धिजीवी, धर्मनिष्ठ भक्तगण।

      भव्य पंडाल में सजे चित्ताकर्षक मंच पर वैदिक यज्ञाचार्यो एवं संगीत के महारथियों के साथ विराजमान कथाव्यास आचार्य पंडित सुभाषचंद्र त्रिपाठी जी महाराज ने कथा ज्ञानयज्ञ के तृतीय दिवस पर श्रीमद्भागवत पुराण के विविध प्रसंगों का वर्णन करते हुए राजा परीक्षित को मिले श्राप से उद्धार एवं मोक्ष के‌ उपाय का वर्णन प्रस्तुत किया।

      आचार्य त्रिपाठी जी महाराज ने कहा माता पिता की सेवा से बढ़कर मोक्ष प्राप्त करने का अन्य उपाय नहीं है। भक्तों को अपने माता पिता को कष्ट न देकर सेवा करने को सुख का आधार बताया। उन्होंने यह भी कहा कि संसार की समस्त संपत्ति प्रभु की कृपा से ही प्राणियों को प्राप्त हुआ है। इसलिए कुछ भी खाने पीने के पहले भगवान को भोग लगाकर के ही प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। परमात्मा को समर्पित दूषण भी भूषण बन जाते हैं।

      कथा को रोचक बनाने के लिए संगीतकारों की टीम द्वारा बीच-बीच में उपयोगी भजनों की प्रस्तुति कार्यक्रम में चारचांद लगा रही थी।

      कथा प्रारंभ होने के पूर्व आचार्य पंडित आमोद पांडेय, आचार्य पंडित पुरुषोत्तम मिश्रा एवं आचार्य पंडित अभिषेक मिश्रा द्वारा वैदिक मंत्रों के माध्यम से यज्ञशाला में विराजमान समस्त देवी देवताओं का विधि विधान से विधिवत पूजन कराया गया।

       कथा श्रवण करने में प्रमुख रूप से शिक्षाविद पंडित भवानी शंकर उपाध्याय, यज्ञ नारायण सिंह अर्जुन सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता परशुराम उपाध्याय सुमन, राम लौटन सिंह, महावीर सिंह, रामकुमार सिंह, गजराज सिंह, शिवांशु सिंह आदि क्षेत्र के कोने-कोने बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे व  भक्तगण उपस्थित रहे।

      कार्यक्रम को सफल बनाने में सेवानिवृत्त कैप्टन रणजीत सिंह, अजय कुमार सिंह, राहुल सिंह, रोमी सिंह, इंजीनियर रोहित सिंह, अंकित सिंह, अर्पित सिंह, उत्कर्ष सिंह, राजू सिंह, ओम सिंह सहित तमाम परिवारीजन का योगदान उल्लेखनीय है।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *