धर्मांतरण प्रिंस जुनैद की कलंक कथा के कौन हैं असल किरदार

धर्मांतरण प्रिंस जुनैद की कलंक कथा के कौन हैं असल किरदार

PPN NEWS

फतेहपुर

कमलेन्द्र सिंह

धर्मांतरण प्रिंस जुनैद की कलंक कथा के कौन हैं असल किरदार


किसके रहमोकरम पर बना धर्मांतरण का प्रिंस

सुनियोजित अपराध में हमेशा स्वास्थ्य विभाग व कोतवाली पुलिस बनी थी जुनैद का सहारा

 हिन्दू युवतियों को बनाता था निशाना, 15 वर्षों में लगभग एक दर्जन युवतियां हुई इसका शिकार

दो युवतियों से बच्चे भी हुए फिर दर दर की खा रही ठोकरें


जिले का निवासी उमर गौतम जब धर्मांतरण के मामले में पकड़ा गया तब पूरे देश की मीडिया ने इसे धर्मांतरण किंग बताया। जांच के दौरान यह सामने भी आया कि विदेशों से धर्मांतरण की फंडिंग होती थी। हिन्दू युवक व युवतियों को बहला फुसलाकर हिन्दू संस्कृति में जाति का भेद बताकर उन्हें इस्लाम की ओर मोड़ा जाता था इसके लिए बाकायदे उन्हें सुविधाएं भी मुहैय्या कराई जाती थीं। बाद में धर्म बदलने के बाद क्या मिलता था सिर्फ हिंसा और शोषण। उमर की गिरफ्तारी के बाद ऐसा लगा जैसे जांच एजेंसियों ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली हो मगर उन्हें क्या पता यहां हर शहर में एक धर्मांतरण का प्रिंस बैठा है जो धर्मांतरण कर हिन्दू युवतियों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। फ़तेहपुर से ऐसी ही खबर ने सबको चौका दिया। जब एक धर्मांतरण प्रिंस की कलंक कथा सबके सामने आई। हालांकि इस मामले में भी हमेशा की तरह कोतवाली पुलिस ने पर्दा डालने की कोशिश की मगर यह कोशिश नाकामयाब रही, अंततः धर्मांतरण प्रिंस जुनैद को जेल भेजना ही पड़ा। अब वही खेल पुलिस उसके सहयोगियों को न पकड़कर खेल रही है।

    बता दें कि मीडिया ट्रायल के बाद भले ही धर्मांतरण प्रिंस जुनैद जेल की सलाखों के पीछे हो मगर उसके गुनाहों में बराबर के सहयोगी कई लोग रहे हैं जिनका नाता स्वास्थ्य व पुलिस विभाग से है। जुनैद के अपराधो की कहानी लगभग डेढ़ दशक पूर्व शुरू हुई। महर्षि विद्यालय में पूर्व में पढ़ाने वाली एक हिन्दू अध्यापिका को भी इसने अपने जाल में फंसाया था उसका धर्मांतरण कराकर इसने निकाह किया। उससे इसके दो बच्चे भी पैदा हुए। जिनके साथ भी इसने हैवानियत की हदें पार कर दी। आजिज होकर वह इसे छोड़कर चली गई। अब वह बेचारी लखनऊ में रहकर अपना जीवन यापन कर रही है। उसके बाद इसने एक मलवां थाना क्षेत्र की रहने वाली आशा बहू को 2015 में शिकार बनाया जिसको इसने अपने साथियों को भी सौंप दिया। बाद में सुनियोजित अपराध का शिकार हुई महिला ने कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिसमे रिवाल्वर लगाकर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था। इस मामले को भी तत्कालीन कोतवाली प्रभारी ने टेबल के नीचे से निपटा दिया था। अय्याश किस्म का जुनैद जानता था कि एक स्वास्थ्य का काम ही ऐसा है जहां आसानी से किसी भी युवती को फंसाया जा सकता है इसीलिए स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से बिना किसी डिग्री बिना किसी सर्जन के उसने इस धन्धे को चार चांद लगाए। लम्बे समय तक अवैध संचालन के बाद कही से एक कथित डिग्री हासिल की और एक बार नर्सिंग होम का जोड़ जुगत से रजिस्ट्रेशन करवाया और फिर निकल पड़ा अय्याशी व धर्मांतरण की राह पर। एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद नर्सिंग होम का कभी रिन्युअल नहीं हुआ। लगभग दस वर्षों से यह नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग को महीनवारी देकर चल रहा है अगर ऐसा नही है तो अधिकारियों की नाक के नीचे इस फर्जी नर्सिंग होम का संचालन कैसे होता रहा इस पर भी स्वास्थ्य विभाग को जवाब देना होगा। वैसे तो कई युवतियां ऐसी भी हैं जो सामाजिक डर से सामने आने में कतरा रही हैं जिनके साथ इसने ब्लैकमेल करके दुष्कर्म किया। मगर एक इटावा की युवती ने हिम्मत कर अपनी आपबीती सुनाई जिसके बाद इस रैकेट की करतूत जगजाहिर हुई। उसने बताया कि किस तरह जुनैद व उसका स्टाफ़ भोली भाली युवतियों को नर्सिंग होम में नौकरी देने के नाम पर फँसाता था बाद में नशीला पदार्थ खिलाकर उनका अश्लील वीडियो बनाकर उनके साथ दुष्कर्म व धर्मांतरण जैसी घटनाओं को अंजाम देता था। युवती ने ये भी बताया कि उसकी एक मुंह बोली मौसी भी जुनैद का शिकार हुई है।

झोलाछाप सर्जन व सरकारी निश्चेतक की गिरफ्तारी की बजाय चल रही सौदेबाजी---

बताते हैं इस फर्जी नर्सिंग होम में चल रहे अय्याशी के खेल में कई लोग शामिल रहे हैं। इसको चलवाने में एक झोलाछाप सर्जन, एक सरकारी निश्चेतक का अहम रोल रहा है। यह अय्याशी और धर्मांतरण का खुलासा होने के दो दिन पूर्व भी इस अस्पताल में गए थे जहां इन्होंने दो ऑपरेशन किये थे जिनका एक वीडियो भी बन गया है जिनका वीडियो पुलिस के पास है मगर पुलिस उन्हें पकडकर जेल भेजने के बजाय सौदेबाजी में लगी है। बताते हैं यह झोलाछाप सर्जन भी अय्याश किस्म का है इसकी अय्याशी भी जुनैद के द्वारा ब्लैकमेल की जा रही युवतियों से पूरी होती थी।


कहां गए नर्सिंग होम के गम्भीर मरीज


नर्सिंग होम के अपराधों की कहानी जैसे ही जगजाहिर हुई, तथाकथित डॉक्टर जुनैद ने अपने टप्पेबाज साथी के झोलाछाप नर्सिंग होम में सभी मरीज शिफ्ट कर दिए। यह झोलाछाप नर्सिंग होम बिंदकी बस स्टॉप के समीप स्थित है।

इसके टप्पेबाज मालिक का भी स्वास्थ्य से दूर दूर तक कोई नाता नही रहा है इस झोलाछाप नर्सिंग होम में एक बेहोशी देने वाला अधिकारी खूब आते जाते देखा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के रहमोकरम पर यह दूसरा शहर में स्वास्थ्य के अपराध का सबसे बड़ा अड्डा है।

 रैकेट को बचाने के लिए पुलिस का दलाल बन गया एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर जुनैद की अय्याशी व धर्मांतरण के इस पूरे रैकेट को बचाने के लिए मुंह मांगी बोली लगना शुरू हो गई है। बताते हैं कि इस पूरे रैकेट को बचाने के लिए एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर कोतवाली के चक्कर लगा रहा है।

यह वही इंस्पेक्टर है जो कोतवाली के दरोगाओं की आधे से अधिक विवेचनाओ में हस्तक्षेप रखता है और एक वर्ग विशेष के सभी अपराधियों की पैरवी कर उन्हें बचाकर वसूली किंग बना हुआ है।

बताते हैं इसके पास बीती शाम को जुनैद के जबरन निकाहनामे का गवाह डॉक्टर शकील मौजूद था। उसने नेटवर्क को बचाने के लिए टोकन भी उपलब्ध करा दिया है।

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