आखिर क्यों प्रयागराज में तैनात दो पुलिस उपाधीक्षक निलम्बित किये गये

आखिर क्यों प्रयागराज में तैनात दो पुलिस उपाधीक्षक निलम्बित किये गये

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प्रयागराज.

रिपोर्ट, अब्बास 

आखिर क्यों प्रयागराज में तैनात दो पुलिस उपाधीक्षक निलम्बित किये गये

शासन ने प्रयागराज जिले में तैनात दो पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी) नवीन नायक और सच्चिदानंद को निलंबित कर दिया है। दोनों पर बलात्कार के एक मामले की जांच के पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने का आरोप है। 

जिले के मेजा क्षेत्र की एक युवती जनवरी 2020 में लापता हो गई थी। पीड़ित परिवार ने गैंगरेप की एफआईआर दर्ज कराई थी। उस समय मेजा थाना प्रभारी संतोष द्विवेदी को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। घटना के एक हफ्ते बाद पीड़िता को बरामद कर पुलिस ने एक युवक के खिलाफ मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर जेल भेज दिया।

पुलिस का दावा था कि मेडिकल में गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई। कोर्ट के आदेश पर पीड़िता अपने मां-बाप के घर चली गई। कुछ महीने बाद रहस्यमय परिस्थितियों में फिर से वही युवती गायब हो गई। एक बार फिर से पीड़ित परिवार ने मेजा थाना में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। थाने के एसएसआई ने जांच की और युवती को बरामद कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की।

इससे पहले युवती का पता न चलने पर उसके परिवारीजनों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई थी और पूछा था कि पहले प्रकरण में जब पीड़िता ने 164 के बयान में गैंगरेप की बात कही थी तो आरोपियों को किस आधार पर विवेचक को क्लीन चिट दे दिया था? हाईकोर्ट ने केस की विवेचना करने वाले पुलिसकर्मी और पर्यवेक्षण करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था।

इसके बाद विवेचक मुन्ना लाल और मोहम्मद अजहर खान को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया था और तत्कालीन दोनों सीओ के खिलाफ जांच चल रही थी। है। सीओ के तौर पर तैनाती के दौरान पहले नवीन नायक ने इस मामले में लापरवाही की। बाद में जब सच्चिदानंद को वहां तैनात किया गया तो उन्होंने भी वैसे ही लापरवाही की। मामले की शिकायत होने पर जांच में दोनों को प्रथमदृष्ट्या दोषी पाया गया।

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