बेटी नहीं बेटा बन कर रहना चाहती थी लडकी, परिवार के विरोध पर घर छोड़ा, ट्रांसजेंडर के साथ रहने लगी

बेटी नहीं बेटा बन कर रहना चाहती थी लडकी, परिवार के विरोध पर घर छोड़ा, ट्रांसजेंडर के साथ रहने लगी

prakash prabhaw 

ग्रेटर नोएडा 

बेटी नहीं बेटा बन कर रहना चाहती थी लडकी, परिवार के विरोध पर घर छोड़ा, ट्रांसजेंडर के साथ रहने लगी 

- मान मनुव्वल के बाद घर लौटी, परिवार राजी है कि अब छोटी बहनों से राखी बंधवा सकती है 

आज भी हमारे समाज में बेटों को बेटियों से ज्यादा तबज्जो दी जाती है,  यही कारण है कि सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एक कर्मचारी कि परिवार में जब 4 लड़कियां पैदा हुई,  तो उन्होंने बड़ी लड़की को अपना बेटा मान कर उसे लड़कों की तरह रखना शुरु कर दिया. वह बचपन से ही लड़कों की वेशभूषा में रहती थी,  लड़कों की तरह बाल रखती थी. लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही परिवार वाले उस पर बंदिशें लगाने लगे,  तो वह शुक्रवार को नाराज होकर घर छोड़कर चली गई काफी तलाशने के बावजूद जब लड़की का पता नहीं चला. तब परिवार वालों ने पुलिस से मदद मांगी. 

इधर परिवार अपनी बेटी की तलाश में जुटा था,  उसी दौरान एक ट्रांसजेंडर संगठन ने परिवार वालों को मैसेज भेज कर सूचित किया,  कि उनकी बेटी उनके पास है उसकी तलाश करना छोड़ दें, क्योंकि वह अब लड़का बन कर रहना चाहती है. अचानक हुए इस वज्रपात से परिवार सकते में आ गया. फिर दिल्ली पुलिस की मदद से छात्रा से मुलाकात की और उसे आश्वासन दिया कि वह बेटा बनकर घर में ही रह सकती है उन्हें कोई एतराज नहीं है तब वह छात्रा घर लौट लौट आई. 

किशोरी के वापस लौटने से परिवार राहत महसूस कर रह रहा है. किशोरी के मां का कहना है कि उनका कोई बेटा नहीं है बड़ी बेटी लड़कों की तरह रहती है,  उन्हें कभी भी इसका विरोध नहीं है,  कोरोना के कारण कुछ महीने से वह बाल नहीं कटवा पाई थी। वह बाल बॉय कट कराने की जिद कर रही थी। लेकिन उम्र बढ़ने के कारण उन्होंने ऐसा करने से उसे रोका था,  कुछ दिनों से वह चुपचाप किसे से मोबाइल फोन पर बातें करती थी,  इसका भी वे विरोध करती थी. इससे नाराज होकर वह घर छोड़कर चली गई थी. 

 अब किशोरी के मां का कहना है कि उनकी बेटी घर में बेटा बन कर रहे उन्हें कोई एतराज नहीं है.  वह अपनी छोटी बहनों से राखी भी बंधवा सकती है.  पिता का कहना है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि बेटी उनकी बात मान कर लौट आई है वह अपने घर में जैसे चाहे वैसे रह सकती है.

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