तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर अधिवक्ताओं ने लगाया प्रश्नचिन्ह
- Posted By: Alopi Shankar
- राज्य
- Updated: 6 November, 2020 20:12
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प्रकाश प्रभाव न्यूज़ प्रयागराज
रिपोर्टर - धनंजय पांडे
तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर अधिवक्ताओं ने लगाया प्रश्नचिन्ह ,उप जिलाधिकारी सोरांव का किया बहिष्कार
सोरांव/प्रयागराज। स्थानीय तहसील सोरांव में इन दिनों तहसील प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यशैली को देखते हुए आज शुक्रवार को सत्यम सभागार में हुई बार बेंच की बैठक में अधिवक्ताओं ने संपूर्ण तहसील के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध घोर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उप जिलाधिकारी सोरांव अनिल चतुर्वेदी का बहिष्कार कर दिया ।
बताया जाता है कि इन दिनों तहसील के छोटे छोटे कर्मचारियों से लेकर उप जिलाधिकारी सोरांव तक तहसील में दूरदराज से आए वादकारियों व अधिवक्ताओ के कार्यों में ना केवल हीला हवाली करते हैं बल्कि छोटे छोटे काम के लिए सुविधा शुल्क की अपेक्षा करने से भी बाज नहीं आते। जिसका आरोप लगाते हुए आज सोरांव तहसील के अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष रामचंद्र यादव व महामंत्री राजेश मिश्र की संयुक्त अध्यक्षता में तहसील स्थित सत्यम सभागार में तहसील प्रशासन के साथ एक बैठक कर अपनी अपनी समस्या से अवगत कराया और घोर आरोप लगाते हुए यह मांग किया कि लेखपाल, कानूनगो सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी यदि तहसील में सुचारू रूप से कार्य नहीं करेंगे तो अधिवक्ता अग्रिम लड़ाई के लिए बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी स्थानीय तहसील प्रशासन की होगी।
बैठक के दौरान तहसील में विधि व्यवसाय से जुड़े अधिवक्ता जितेंद्र कुमार का प्रकरण उठाया गया जिसमें माननीय उच्च न्यायालय के अंतिम आदेश के बाद कार्यवाही की बात कहते हुए मौके पर यथास्थिति बनाए रखने तथा अधिवक्ता के जान माल की सुरक्षा की अपील की गई।
इसी तरह अन्य अधिवक्ताओं ने भी अपनी-अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए जल्द निस्तारण की बात कहीं , साथ ही अधिवक्ताओं ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि जब तक अधिकारी व कर्मचारी तहसील प्रांगण में सुचारू रूप से कार्य नहीं करेंगे ,समय से नहीं रहेंगे तब तक समस्त अधिवक्ता उप जिलाधिकारी सोरांव का बहिष्कार करते हैं ।
इस दौरान पूर्व अध्यक्ष कमलाकांत मिश्रा, राजीव कुमार ओझा,एस के सिंह, अजीत मिश्र, सुधेन्दु तिवारी, रमेश प्रताप सिंह, शिव गोविंद गुप्ता, बाल गोविंद यादव, गामा लाल यादव, प्रशांत पांडे, ओम प्रकाश दुबे, जयप्रकाश तिवारी, जितेंद्र यादव, शिव बाबू शुक्ला, वामिक एजाज फारुकी जैसे सैकड़ों अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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