सांगीपुर में स्वतंत्र कवि मंडल की मासिक गोष्ठी हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न

सांगीपुर में स्वतंत्र कवि मंडल की मासिक गोष्ठी हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न

प्रतापगढ 



13.02.2022



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



 


सांगीपुर में स्वतंत्र कवि मंडल की मासिक गोष्ठी हर्षोल्लासपूर्वक संपन्न




 प्रतापगढ़ जनपद के ग्रामीणांचल में सन 1927 से संचालित साहित्यिक संस्था स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर की मासिक गोष्ठी वरिष्ठ साहित्यकार हरिवंश सिंह के सांगीपुर स्थित निवास पर हर्षोल्लासपूर्वक संपन्न हुई।

सर्वप्रथम मंडल के पदाधिकारियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पार्पण एवं पूजन अर्चन किया गया।

     गोष्ठी की अध्यक्षता मंडल के अध्यक्ष अर्जुन सिंह एवं संचालन महामंत्री डॉ अजित शुक्ल ने किया। वरिष्ठ साहित्यकार बाबूलाल सरल की मां वीणापाणि की वंदना से शुरू हुई गोष्ठी में कवियों ने जमकर विविध रचनाएं पढ़कर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

     जहां यय कुमार पांडेय यज्ञ ने__

 कहा मुनेश्वर कइसे होए, कूकुर बछिया बने न धोए ।

कांटे कउनौ फसल अनेहरा, बड़े जतन से काका बोए।

 आदि पंक्तियों का गीत पढ़ा, वहीं, अशोक विमल ने____

"हे माई कागा न बोलै मुड़ेर"

जैसी पंक्तियों का गीत पढ़कर वाहवाही लूटी।

जहां, पूर्व प्रधानाचार्य कृष्ण नारायण लाल श्रीवास्तव ने पढ़ा__

 "मइया रहिया बतावा पकर अंगूरी"

 वहीं, ग़ज़लकार अरविंद सत्यार्थी ने पढ़ा___

 "स्वर बनूंगा मगर साज तो दीजिए।

 कल बनूंगा मगर आज तो दीजिए।"

चर्चित रचनाकार रघुनाथ यादव ने __

नहीं रहा राजनीति में अब कोई सिद्धांत।

 अभिनेता नेता हुए भेष बदल कालान्त।"

 पढ़कर वर्तमान राजनीति पर करारी चोट किया।

        गोष्ठी में मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर केसरी नंदन शुक्ल केसरी, गुरु बचन सिंह बाघ, बाबूलाल सरल,  लल्ला सिंह,कुमारी अंशी सिंह,अब्दुल मजीद रहवर, हरिवंश सिंह, रामजी मौर्य आसमां, रवि कांत मिश्र, नागेश्वर प्रसाद द्विवेदी आदि ने भी विविध रचनाएं पढ़कर गोष्ठी को सफल बनाया।

      अध्यक्षीय उद्बोधन के अंतर्गत अर्जुन सिंह ने विश्व रेडियो दिवस, भीष्मा एकादशी एवं विश्व विवाह दिवस पर आयोजित गोष्ठी के माध्यम से देशवासियों एवं  उपस्थित सभी साहित्यप्रेमियों को शुभकामनाएं देते हुए कहां की आज के पुनीत अवसर पर सुव्यवस्थित गोष्ठी आयोजित करने के लिए हरिवंश सिंह को हार्दिक बधाई।

       गोष्ठी में राजकुमार सिंह, रामराज यादव, गुलाब सिंह, लकी, संजीव कुमार सिंह, रामप्रताप धूलिया, वंश ज्योति सिंह, बिक्रमाजीत सिंह, हरकेश सिंह आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

     राष्ट्रगान के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *