चीनी ऐप का विकल्प खोजने के लिए ‘स्वदेशी टेक’ नाम से वेबसाइट बनाने वाले चिराग भंसाली को मिला राष्ट्रीय बाल पुरस्कार

चीनी ऐप का विकल्प खोजने के लिए ‘स्वदेशी टेक’ नाम से वेबसाइट बनाने वाले चिराग भंसाली को मिला राष्ट्रीय बाल पुरस्कार

PPN NEWS

नोएडा

चीनी ऐप का विकल्प खोजने के लिए ‘स्वदेशी टेक’ नाम से वेबसाइट बनाने वाले चिराग भंसाली को मिला राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, प्रधानमंत्री ने बातचीत कर उत्साह बढ़ाया  


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं के साथ सोमवार को बातचीत की है। इसमें नोएडा के रहने वाले चिराग भंसाली भी मौजूद थे। चिराग भंसाली को भी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पीएम मोदी ने बाल पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी है। चिराग भंसाली ने 12 साल की उम्र में कोडिंग सीखनी शुरू की और 16 साल के उम्र में उन्होंने चीनी ऐप का विकल्प खोजने के लिए ‘स्वदेशी टेक’ नाम से वेबसाइट बनाई है। 

चिराग भंसाली नोएडा के सेक्टर-40 में अपने परिवार के साथ रहते है। चिराग भंसाली का चयन राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए हुआ है। यह पुरस्कार उन्हें इनोवेशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा। चिराग ने नोएडा के डीपीएस स्कूल में 11वीं के छात्र के समय में चीनी ऐप का विकल्प खोजने के लिए ‘स्वदेशी टेक’ नाम से वेबसाइट बनाई है। चिराग ने बताया कि उनको नई तकनीकी में कोई रुचि नहीं है। चीनी ऐप पर प्रतिबंध के बाद चिराग ने 'स्वदेशी टेक' नाम से नई एप्प बनाई है। जो लोगों को प्रतिबंधित ऐप का विकल्प खोजने में मदद करती है। चिराग ने बताया कि उसने अपने साथियों को चीनी ऐप का उपयोग करते देख और इनोवेटर सोनम वांगचुक के वीडियो से प्रेरित होकर यह वेबसाइट बनाई है। 

वही चिराग के माता-पिता ने बताया कि चिराग ने 12 साल की उम्र में कोडिंग सीखनी शुरू कर दी थी। वह कुछ अन्य वेबसाइटों का निर्माण भी कर चुके हैं। चिराग ने वेबसाइट में ऐप को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया है। शुरुआत में वेबसाइट पर 56 ऐप के विकल्प थे। जिन्हें लगातार बढ़ाया गया है।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *