सांगी पुर मंडल में साहित्य की प्रासंगिकता परिलक्षित होती है--आचार्य सुभाष चन्द्र त्रिपाठी
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 12 April, 2021 19:19
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प्रतापगढ
12.04.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
सांगीपुर मंडल में साहित्य की प्रासंगिकता परिलक्षित होती है--- आचार्य सुभाष चंद्र त्रिपाठी
महाकवि छविश्याम जी द्वारा स्थापित सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर की मासिक काव्य गोष्ठी वरिष्ठ अधिवक्ता परशुराम उपाध्याय सुमन के ब्लॉक सांगीपुर के ग्राम मंगापुर स्थित आवास पर संपन्न हुई।
मंडल के अध्यक्ष अर्जुन सिंह की अध्यक्षता एवं महामंत्री डॉ अजित शुक्ल तथा इंजीनियर प्रभाकर मिश्र के संचालन में आयोजित काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित लब्धप्रतिष्ठित कथाव्यास आचार्य सुभाष चंद्र जी महाराज ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ ही गोष्ठी का उद्घाटन किया। आचार्य जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि साहित्य की प्रासंगिकता स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर की गोष्ठियों में परिलक्षित होती है। मंडल के उत्तरोत्तर प्रगति के लिए मेरी शुभकामना है।
इस अवसर पर देहदानदाता शिक्षाविद भवानी शंकर उपाध्याय एवं शिक्षक मनो विश्राम मिश्र ने भी अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए। उपस्थित कवियों ने अवसरोचित विविध रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। आयोजक परशुराम उपाध्याय सुमन ने सभी का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।
काव्य पाठ करने वालों में डॉ केसरी नंदन शुक्ल, यज्ञ नारायण सिंह अज्ञेय, महादेव प्रसाद मिश्र बमबम, महावीर सिंह जनार्दन प्रसाद उपाध्याय, यज्ञ कुमार पांडे यज्ञ, चंद्रशेखर मित्र, सुरेश अकेला, रामजी मौर्य, आचार्य अनिल मिश्र, हरिवंश शुक्ल शौर्य अब्दुल मजीद रहवर, दीपेंद्र श्रीवास्तव तनहा, अशोक विमल, अर्जुन सिंह, परशुराम उपाध्याय सुमन, डॉ अजित शुक्ल, इंजीनियर प्रभाकर मिश्र आदि रहे।
श्रोताओं में कर्मचारी नेता पंडित मनोकानिका उपाध्याय सहित राम बहादुर सिंह प्रधान, श्यामसुंदर मिश्र, संजय त्रिपाठी, मंगापुर व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेंद्र कुमार मिश्र, हीरा सिंह, ओम प्रकाश मिश्र, राम लौटन सिंह, गंगा प्रसाद तिवारी, राजू यादव, अवनीश शर्मा अंकुर, मनीष त्रिपाठी, इंजीनियर पीवी सिंह आदि प्रमुख रहे।
राष्ट्रगान के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।
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