मनाई गई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पुण्यतिथि,कृतित्व पर डाला गया प्रकाश

मनाई गई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पुण्यतिथि,कृतित्व पर डाला गया प्रकाश

प्रतापगढ 




22.05.2022




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



 मनाई गई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पुण्यतिथि, कृतित्व पर डाला गया प्रकाश



प्रतापगढ़।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शिक्षण संस्थाओं के संस्थापक एवं साहित्य महारथी डॉ. राजेश्वर सहाय त्रिपाठी के 36 वें पुण्य-स्मृति-दिवस पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन त्रिपाठी निकेतन सदर बाजार में किया गया । जिसकी अध्यक्षता डॉ. संगम लाल त्रिपाठी भंवर व संचालन डॉ. अमित पाण्डेय ने किया ।प्रबन्धक अनिल प्रताप त्रिपाठी प्रवात के संयोजन में हुई इस काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि राजकीय इंटर कॉलेज के अवकाश प्राप्त शिक्षक जय नारायण मिश्र व विशिष्ट अतिथि राजमूर्ति सिंह सौरभ रहे । निवर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश त्रिपाठी गोष्ठी में बतौर उद्घाटन अतिथि मौजूद रहे । उपस्थित वक्ताओं ने डॉ. त्रिपाठी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें याद किया ।प्रारम्भ में सुरेश नारायण व्योम ने सरस्वती की वन्दना प्रस्तुत की । उपस्थित अतिथियों ने माँ सरस्वती व पंडित जी के चित्र पर माल्यार्पण कर, समक्ष दीप प्रज्वलित किया । अतिथियों का स्वागत डॉ. अनूप पाण्डेय ने किया ।गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि " डॉ. त्रिपाठी जी का व्यक्तित्व विशाल रहा, उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेकर देश की आज़ादी में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई । उन्होंने कभी अपने सिद्धान्तों से समझौता नहीं किया । उनका जीवन अनुकरणीय है । वे सदैव समाज के हितों के लिए कार्य करते रहे । उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना की । वे हमेशा के लिए अमर हैं । उन्हें क़भी भुलाया नहीं जा सकता । विशिष्ट अतिथि ने अपनी ग़ज़ल प्रस्तुत की जिसे लोगों ने सराहा । उद्घाटन अतिथि ने कहा कि पंडित जी ने सुदूर ग्रामीणांचलों में शिक्षण संस्थाओं को स्थापित करके शिक्षा से वंचित लोगों को शिक्षा दिलाने का जो काम किया वह अनुकरणीय है । कवि गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे डॉ. संगम लाल त्रिपाठी भंवर ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंडित जी का व्यक्तित्व व कृतित्व बहुत विशाल था । वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे, उनका जीवन अनुकरणीय है ।इस दौरान अरुण प्रताप त्रिपाठी, विजय प्रताप त्रिपाठी, गजेंद्र सिंह विकट, गंगा प्रसाद पांडेय भावुक, कल्पना तिवारी, राकेश कुमार पांडेय, विनोद दुबे, जय प्रकाश उपाध्याय, शशिभाल त्रिपाठी, अखिल नारायण सिंह, नीलेश शुक्ला, शुभम श्रीवास्तव, शिब्लू पांडेय, श्याम शंकर द्विवेदी, शिव प्रताप सिंह मुन्ना, राहुल पांडेय, अंकित त्रिपाठी, संजय शुक्ला, अनूप त्रिपाठी, इं. चंद्रकांत त्रिपाठी आदि मौजूद रहे । अंत में संयोजक व डॉ. त्रिपाठी के पुत्र अनिल प्रताप त्रिपाठी प्रवात ने आए हुए सभी अतिथियों  के प्रति आभार प्रकट किया।

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