काल-कवलित हो गये 80 वर्षीय हिन्दी के प्रकांड विद्वान सियाराम उपाध्याय

काल-कवलित हो गये 80 वर्षीय हिन्दी के प्रकांड विद्वान सियाराम उपाध्याय

प्रतापगढ 




 कालकवलित हो गये 80 वर्षीय हिंदी के प्रकांड विद्वान सियाराम उपाध्याय


 


प्रतापगढ़  जनपद के रानीगंज तहसील के निकट ग्राम बभनमई निवासी लगभग 80 वर्षीय शिक्षक पंडित सियाराम उपाध्याय का कल 27 अप्रैल 2021 दिन मंगलवार को शहर में रेलवे स्टेशन के पूरब स्थित अपने मकान में निधन हो गया। वे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे।

श्रद्धेय उपाध्याय जी एक नेक इंसान व हिंदी के प्रकांड विद्वान थे। उन्होंने सन 1965 में गांधी इंटर कॉलेज सांगीपुर में हिंदी प्रवक्ता के रूप में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया था। अपठित लेख के रुप में उनके द्वारा दी गई.......पूरब पाप के कारण ते भगवंत कथा न रुचै जिनको,

 तिन्ह नारि बुलाई के बीच,सभा नचवावत हैं,थिनको थिनको

आदि पंक्तियां हाई स्कूल में पढ़ रहे उस समय के विद्यार्थियों के कानों में आज भी गूंज रही हैं।बाद में पंडित गोरखनाथ पांडे के प्रबंधकतत्व में  रानीगंज तहसील स्थित शेखूपुर गांव में  संचालित हाई स्कूल विद्यालय (जो अब राजकीय विद्यालय है)में सुयोग्य प्रधानाचार्य के पद पर रहकर शिक्षा में विशेष योगदान दिया था। सन 1966 में  ग्राम सुल्तानपुर निवासी पंडित हरिहर प्रसाद मिश्र के यहां रहकर मैं भी शेखूपुर में उनके साथ सहायक अध्यापक के रूप में शिक्षण कार्य कर रहा था। उनकी सुयोग्य धर्मपत्नी सुशीला उपाध्याय भी प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका पद से सेवानिवृत्त हुई थीं, लगभग 10 वर्षों पूर्व उन्होंने भी साथ छोड़ दिया था। उनके दो पुत्र व पुत्रियां अपनी व्यवस्था के अनुसार जीवन यापन कर रहे हैं।उनके निधन का समाचार मिलने पर परिवार के डीजीसी गांव सभा विवेक उपाध्याय, धीरज उपाध्याय, अनूप अनुपम, दिनेश उपाध्याय, अवधेश उपाध्याय तथा हाई स्कूल के तत्कालीन विद्यार्थी यज्ञ नारायण सिंह, जनार्दन प्रसाद उपाध्याय, महावीर सिंह सहित विशेष रूप से मैं परशुराम उपाध्याय सुमन बहुत ही दुखी हूं तथा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। बाबा अमरनाथ भोले शंकर से प्रार्थना है कि उन्हें सद्गति प्रदान करते हुए उनकी गत आत्मा को शांति प्रदान करें।

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