शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की 91 वीं शहादत दिवस पर किया गया प्रतिमा पर माल्यार्पण और हुई संगोष्ठी
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 23 March, 2022 20:59
- 422

प्रतापगढ
23.03.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की 91 वीं शहादत दिवस पर किया गया प्रतिमा पर माल्यार्पण और हुई संगोष्ठी
प्रतापगढ। 23 मार्च 2022 को शहीद-ए-आजम आजम सरदार भगत सिंह की 91वीं शहादत दिवस पर जनपद मुख्यालय भगवा चुंगी स्थित भगत सिंह पार्क में स्थापित शहीद भगत सिंह की प्रतिमा एवं राजगुरु एवं सुखदेव के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की गई इस अवसर पर मजदूर नेता हेमंत नंदन ओझा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री रामबरन सिंह युवा नेता राजमणि पांडे अखिल भारतीय किसान सभा के महामंत्री निर्भय प्रताप सिंह पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामअचल बर्मा , सुरेश चंद एवं मनोज पांडे आदि उपस्थित रहे माल्यार्पण करते हुए उक्त लोग नारा लगा रहे थे की साम्राज्यवाद सांप्रदायिकतावाद फासीवाद का नाश हो, इंकलाब जिंदाबाद, शहीद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव अमर रहे। माल्यार्पण के उपरांत एक गोष्ठी बलीपुर पंचमुखी मंदिर के पास संपन्न हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता रामबरन सिंह ने की गोष्ठी में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह संप्रदायवाद सांप्रदायिकता फासीवाद छुआछूत जातिवाद इन सबके धुर विरोधी थे उन्होंने समाजवादी राज्य की स्थापना का सपना देखा था जो आज तक पूरा नहीं हो सका है भगत सिंह इस देश के राष्ट्रीय नायक हैं उन्होंने देश के अंदर मजदूर परस्त समाजवादी व्यवस्था का जो सपना देखा था उसको पूरा करने के लिए देश के युवाओं मजदूरों और आम जनता को छुआछूत जातिवाद धर्म आधारित राजनीति से ऊपर उठना पड़ेगा। गोष्ठी में इस बात पर आक्रोश व्यक्त किया गया कि आज तक भारत में अभिलेखों में भगत सिंह को एक आतंकी का ही दर्जा प्राप्त है जबकि हमारे पड़ोसी देश में पाकिस्तान में उन्हें शहीद और स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा प्राप्त है। इसके लिए हम अपने पड़ोसी देश से सबक ले सकते हैं भगत सिंह भारत में पाकिस्तान में और आजादी के पूर्व के भारत में सभी जगहों पर समान रूप से लोकप्रिय हैं। यह लोकप्रियता भगत सिंह के अतिरिक्त किसी अन्य को प्राप्त नहीं है ।गोष्ठी को हेमंत नंदन ओझा, राजमणि पांडे निर्भय प्रताप सिंह आदि ने संबोधित किया।
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