भगवतीचरण वर्मा के उपन्यास साहित्य की अनुपम उपलब्धी--डाॅ शक्तिधर नाथ पाण्डेय

भगवतीचरण वर्मा के उपन्यास साहित्य की अनुपम उपलब्धी--डाॅ शक्तिधर नाथ पाण्डेय

प्रतापगढ 



25.12.2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



भगवती चरण वर्मा के उपन्यास साहित्य की अनुपम उपलब्धि---डॉ शक्तिधर नाथ पांडेय




साहित्यिक संस्था स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर के बैनर तले हुसैनपुर लालगंज में वरिष्ठ साहित्यकार गुरुबचन सिंह 'बाघ' के संयोजकत्व में ऐतिहासिक विमोचन समारोह एवं कवि सम्मेलन हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न हुआ।शिक्षाविद पंडित भवानी शंकर उपाध्याय की अध्यक्षता एवं डॉ शक्तिधर नाथ पाण्डेय के मुख्य आतिथ्य में मंडल के महामंत्री एवं कार्यक्रम के संचालक डॉ अजित शुक्ल द्वारा  भगवती चरण वर्मा के उपन्यासों में भारतीय जीवन के विविध आयाम पर लिखी समीक्षात्मक कृति का ऐतिहासिक विमोचन संपन्न हुआ।

      मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के बाद रघुनाथ प्रसाद यादव की वंदना से शुरू हुए कार्यक्रम में गुरुबचन सिंह बाघ ने स्वागत किया।इस अवसर पर समीक्षात्मक कृति के लेखक डा अजित शुक्ल को बधाई देते हुए मुख्य अतिथि डॉ शक्तिधर नाथ पांडेय ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद्र के बाद भगवती चरण वर्मा के उपन्यास, साहित्य की अद्वितीय उपलब्ध हैं। उनका चित्रलेखा उपन्यास सर्वश्रेष्ठ उपन्यास है। स्वतंत्र कवि मंडल सांगीपुर की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक जागृति के लिए मंडल सदैव याद किया जाएगा।

     अध्यक्षता कर रहे पंडित भवानी शंकर उपाध्याय ने कहा कि बिना अध्ययन के ज्ञान संभव नहीं है। गुरुकुल में उपदेशात्मक शिक्षा मिलने की बात का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें बच्चों को साहित्य पढ़ाना चाहिए।बयोबृद्ध सामाजिक चिंतक विश्राम मिश्र ने कहा कि इस साहित्यिक अभियान को और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश शुक्ला ने कहा कि कवियों ने देश की एकता व अखंडता के लिए सदैव अमूल्य योगदान दिया है।विमोचित कृति के संदर्भ में डॉ अजित शुक्ल को शुभकामना देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एवं साहित्यकार परशुराम उपाध्याय सुमन ने विस्तृत प्रकाश डाला।

     कार्यक्रम यज्ञ नारायण सिंह, अर्जुन सिंह, डॉक्टर केसरी नंदन शुक्ल,  श्रीमती संध्या सिंह आदि ने भी संबोधित किया।इस अवसर पर शिक्षक आनंद बहादुर सिंह, तुंग नाथ शुक्ल एवं चिकित्सक डॉक्टर पुरुषोत्तम शुक्ल सहित आचार्य अनीश देहाती एवं चंद्रपाल त्रिपाठी गुब्बारा रचनाकारों को अंगवस्त्रम एवं माला भेंट कर सम्मानित किया गया।

       कवि सम्मेलन के क्रम में अशोक विमल डॉ एस पी सिंह शैल,  चंद्रशेखर मित्र, सुरेश अकेला, रामजी मौर्य, कृष्ण नारायण लाल श्रीवास्तव, राम लखन यादव आशीष राजकुमार सिंह रघुनाथ यादव, रवि शंकर मिश्र नागेश्वर प्रसाद द्विवेदी, नितेश यादव जन्नत, बाबूलाल सरल, छात्रा अंजली सिंह अनूप पांडेय, अनूप त्रिपाठी, फैयाज अहमद परवाना, चंद्रपाल त्रिपाठी गुब्बारा, आचार्य अनीश देहाती, गुरुबचन सिंह बाघ आदि कवियों ने विविध रचनाएं पढ़ कर कार्यक्रम को ऊंचाइयां प्रदान की।

    इस अवसर पर राजेंद्र बहादुर सिंह, कालिका प्रसाद पांडेय एडवोकेट, देवेंद्र प्रकाश सिंह, अभिनव प्रताप सिंह, रंग बहादुर सिंह, हरिश्चंद्र अग्रवाल, नवीन कुमार शुक्ल, डॉ संतोष कुमार सिंह, शिक्षक नेता रामचंद्र सिंह, पंडित मनोकानिका उपाध्याय, अनिल कुमार सिंह आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

      अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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