शब-ए-बारात: अल्लाह से गुनाहों की माफी मांग, लोगों ने अपने बुजुर्गों को किया याद

शब-ए-बारात: अल्लाह से गुनाहों की माफी मांग,  लोगों ने अपने बुजुर्गों को किया याद

PPN NEWS

लखनऊ 


आज शबे बरात का दिन है हिंदुस्तान में शबे बरात बहुत ही धूमधाम के साथ मुस्लिम समुदाय ने मनाया‌। शब-ए-बारात, मुस्लिम समुदाय के लोगों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है।

शब-ए-बारात की रात बहुत ही पाक मानी जाती है। यह, वह रात होती है जब अल्लाह से हर गुनाह की माफी मांगी जाती है। शब-ए-बारात अल्लाह की रजा हासिल करना बेहतरीन मौका है।

शब-ए-बारात, मुस्लिम समाज के लोगों का एक ऐसा त्योहार है, जिसमें लोगों को गुनाहों की माफी मिलती है। इस खास मौके पर लोग अल्लाह को राजी करते हैं। यह त्योहार बरकत और रहमत वाली होती है।

शब-ए-बारात से जुड़ी कई तरह की मान्यताएं हैं। शिया और सुन्नी मुसलमान इसे अलग-अलग मान्यताओं से जोड़ते हैं। सुन्नी मुसलमान का मानना होता है कि इसी दिन अल्लाह के नूर के संदूक को बाढ़ से बचाया गया था। वहीं, शिया मुसलमान का मानना है कि 12वें इमाम मोहम्मद-अल-मेहदी की पैदाइश 15 शाबान को हुई थी, इसलिए शब- ए- बरात मनाया जाता है।

शब- ए- बारात के मौके पर दिन में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं और गरीबों में बांटे जाते हैं। रात में लोग पूरी रात जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।

पुरुष मस्जिद में नमाज अदा करते हैं, जबकि महिलाएं घर में नमाज़ पढ़ती हैं। इसके अलावा, शब-ए- बारात की रात लोग अपने पूर्वजों की कब्रों पर जाकर उनकी मगफिरत की दुआ मांगते।

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