प्रतापगढ जनपद के रामपुर खास विधान सभा क्षेत्र में भाजपा व काग्रेस में होगी सीधी टक्कर

प्रतापगढ जनपद के रामपुर खास विधान सभा क्षेत्र में भाजपा व काग्रेस में होगी सीधी टक्कर

प्रतापगढ 



28.01.2022




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




प्रतापगढ जनपद के रामपुर खास विधान सभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस में होगी सीधी टक्कर 




प्रतापगढ़ के 2014 के उपचुनाव और 2017 में कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रमोद तिवारी की बेटी और वर्तमान में कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता अराधना मिश्रा के खिलाफ चुनाव लड़ चुके नागेश प्रताप सिंह छोटे सरकार पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से एक बार फिर विश्वास जताया गया है नागेश प्रताप सिंह छोटे सरकार ने

 2014और 2017 में आराधना मिश्रा को कड़ी टक्कर दी और कहा जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के संगठन और तमाम नेताओं के द्वारा हल्के में लिये   जाने के बावजूद जिस तरह से छोटे सरकार ने अपने दम पर प्रमोद तिवारी व अराधना मिश्रा को टक्कर दी वह काबिले तारीफ रहा है।

 भारतीय जनता पार्टी के तमाम लोगों ने छोटे सरकार की मदद भी की चुनाव में छोटे सरकार के साथ मारपीट भी हुई इसके बावजूद उन्होंने इस बात का एहसास भारतीय जनता पार्टी को करा दिया की गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड धारी प्रमोद तिवारी के किले को भेदना हो सकता है कि कठिन हो लेकिन असंभव नहीं है। छोटे सरकार के द्वारा दी गई टक्कर के बाद बहुत सारे नेता प्रमोद तिवारी के खिलाफ बोलने लगे  अपने आप को मजबूत करने लगे  और चुनाव की तैयारी करने लगे । 


उत्तर प्रदेश की सियासत में प्रमोद तिवारी को एक बड़े नेता के तौर पर देखा जाता है,  तिवारी 1980 से लेकर 2014 तक रामपुर खास से विधायक रहे, मंत्री रहे और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता भी रहे। 2014 में वह समाजवादी पार्टी के समर्थन से कांग्रेस की सीट पर राज्यसभा चले गए तब उनकी पुत्री अराधना मिश्रा ने वहां से लोकसभा चुनाव के साथ हो रहे उपचुनाव में भाग लिया और वह चुनाव जीती उस समय 54% मतदान हुआ। अराधना मिश्रा को 94076 मत यानी कि 56% मत और निर्दलीय उम्मीदवार नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार को 26397 मत यानी कि 15.99% मत प्राप्त हुए।

परंतु 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन था और इस चुनाव में नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया चुनाव में अराधना मिश्रा की जीत हुई और उनको 81463 मत यानी कि 47%मत  प्राप्त हुए। जब कि छोटे सरकार जिनको 2014 में 26000 मत प्राप्त मिले थे उनको 64397 मत प्राप्त हुए। वह भी उस दौरान जब प्रमोद तिवारी की बेटी कांग्रेस के टिकट पर समाजवादी पार्टी के समर्थन से चुनाव लड़ रही थी और रामपुर खास में यादव बिरादरी की वोटों की संख्या 40,000 से अधिक है। उसी समय इस बात की चर्चा होनी लगी कि हो सकता है कि यदि समाजवादी पार्टी के साथ यदि कांग्रेस गठबंधन ना हुआ होता तो रामपुर खास में तस्वीर शायद कुछ और होती बस यही से कांग्रेस के समर्थकों में एक डर बस गया कि अब कभी भी सेंध लग सकती है दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार जाने के बावजूद प्रमोद तिवारी जैसी गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड भारी नेता की विधानसभा में सेंध लगाने की जुगत भिड़ाने लगी।

2017 के चुनाव के दौरान भी प्रमोद तिवारी व अराधना मिश्रा के समर्थकों पर  भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार के साथ मारपीट का आरोप लगा था।


अब फिर से एक बार उत्तर प्रदेश में चुनावी बेला आ गई है और रामपुर खास जिसे प्रमोद तिवारी का अभेद्य किला कहां जाता है उसके किले पर भारतीय जनता पार्टी की नजर है और इस बार कांग्रेस के  किले को भाजपा ने भेदने की ठान ली है और कांग्रेस को व प्रमोद तिवारी और अराधना मिश्रा को भी इस बात का भली-भांति अहसास भी है,

हो भी क्यों ना दोनों जमीनी नेता जो है।

 पिछले वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के नेता रामपुर खास में जिस तरह से सक्रिय हैं कांग्रेस उसे न तो पचा रही है ना ही उसका खुलकर विरोध कर पा रही है क्योंकि वह लंबे समय से सत्ता से दूर है बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कहा जाता था कि अपने व्यक्तिगत संबंधों की वजह से प्रमोद तिवारी को कभी भी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो पाई भारतीय जनता पार्टी में भी उनके तमाम नेताओं से व्यक्तिगत संबंध भले हैं, परंतु सपा और बसपा की तरह की स्थिति नहीं है, आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं और उनके बारे में सभी जानते हैं कि उनका कार्य करने का तरीका किस तरह का है और उनके तेवर से भी सभी वाकिफ हैं इसीलिए कांग्रेस या कहा जाए प्रमोद तिवारी नहीं चाहते कि रामपुर खास में कोई नेता ऐसा हो जो उनके विरासत को टक्कर दे सके शायद यही कारण था की प्रमोद तिवारी ने प्रतापगढ़ के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कुंडा के पूर्व विधायक कैबिनेट मंत्री रह चुके रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के  राजनीतिक दल जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के उम्मीदवार का समर्थन किया और उसे जिताने में राजा भैया की भरपूर मदद की प्रतापगढ़ के सियासी पंडित कह रहे हैं कि यह मदद प्रमोद तिवारी ने सिर्फ और सिर्फ इसलिए कि क्योंकि रामपुर खास में क्षत्रियों के 38000 वोट हैं भविष्य में उनको समस्या ना हो इसलिए उन्होंने ऐसा किया ऐसा पॉलिटिकल पंडितों का कहना था फिलहाल अब कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की सीधी टक्कर रामपुर में होगी।

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