सुविधाएं न होने से अनुयायियों का बुद्ध तपस्थली

प्रकाश प्रभाव न्यूज़
कौशाम्बी। 05/07/2020
रिपोर्ट - दिनेश कुमार (जिला संवाददाता)
सुविधाएं न होने से अनुयायियों का बुद्ध तपस्थली पर आने से हो रहा मोहभंग
कौशाम्बी। धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस आज मनाया जाएगा। लेकिन उपेक्षा से तथागत बुद्ध की तपोस्थली कौशाम्बी इस मौके पर वीरान रहेगी। अपेक्षित सुविधाएं नहीं होने से देश विदेश के अनुयायियों का यहां से मोहभंग होने लगा है। हर साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा को प्रवर्तन दिवस मनाया जाता है। 26 साल पहले बौद्ध धर्म को मानने वालों का एक समूह बना और यहां लोगों को ज्ञान देकर जागरूक करते थे। बरसात के दिनों में अक्सर तमाम तरह की दिक्कतें आती थी। कीट पतंगों के अलावा जंगली जंतुओं के काटने का खतरा रहता था। इसे लेकर आषाढ़ पूर्णिमा के दिन से वह लोग प्रवास करते थे और ज्ञान अर्जित किया करते थे। यह परंपरा लगातार चली आ रही है। उधर मान्यता है कि सारनाथ के बाद भगवान गौतम बुद्ध ने धन्ना सेठ के आग्रह पर कौशाम्बी में प्रवास किया। धन्ना सेठ ने प्रवास के लिए घोषिताराम बिहार बनवाया। आज यही अवशेष कौशाम्बी जिले के बारा विकासखंड अंतर्गत कौशल इनाम गांव में है। हर साल धर्म प्रवर्तन दिवस के मौके पर यहां भी आया करते थे। इस बार लॉक डाउन के कारण कोई नहीं आएगा। श्रीलंका बुध विहार के प्रबंधक विशुद्धि थेरी का कहना है कि यहां रहने की दिक्कत है। साल में हजारों अनुयाई आते हैं पर उन्हें यहां से काफी दर्द लेकर जाना पड़ रहा है। इस बार धम्म प्रवर्तन दिवस के मौके पर नहीं आएंगे।
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