स्वर्ग से आकर कोटे की दुकान से राशन ले जा रहे अन्त्योदय कार्ड धारक
प्रकाश प्रभाव न्यूज़
रिपोर्ट शनि तिवारी,
गोंडा
स्वर्ग से आकर कोटे की दुकान से राशन ले जा रहे अन्त्योदय कार्ड धारक
अन्त्योदय कार्ड धारकों का राशन वर्षों से स्वर्ग पहुंचा रहा कोटेदार
गोण्डा, जहां कोविड-19 कोरोना वायरस व महामारी के मुसीबत से पूरा देश परेशान है केन्द्र व राज्य सरकारें इस महामारी से लोगों को निजात दिलाने के लिए युद्ध स्तर पर विभिन्न उपाय कर रही हैं। महामारी का और फैलाव न हो सके जिसके लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत वर्ष में लाकडाउन की घोषणा की। और लाक डाउन से लोगों को हो रही परेशानियों में राहत दिया जा सके, जिसके लिए तमाम समाजसेवियों व स्वंय सेवी संस्थाओं ने गरीब असहाय व जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने का बीड़ा उठाया। और लाकडाउन की वजह से कोई भूखा न रहे जिसके लिए इन संस्थाओं द्वारा लोगों के घरों में आवश्यक खाद्य सामग्री की डिलेवरी पहुंचाया जा रहा है।
वहीं मुसीबत की इस घड़ी में भी क्षेत्र के तमाम कोटेदारों द्वारा गरीब व असहाय लोगों के राशन को घोटाला व कटौती कर डकारा जा रहा है,और जिला प्रशासन जान कर अन्जान बनी हुई है। और ऐसा ही एक नया मामला विकास खण्ड पंड़री कृपाल के ग्राम पंचायत खरहटिया में प्रकाश में आया है जहां के कोटेदार दर्शाया गरीब असहाय लोगों के राशन को कोरोना महामारी जैसे मुसीबत में भी घटतौली कर डकार लिया जा रहा है। राशन लाभार्थियों के शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा इस दबंग कोटेदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
शिकायतों के बाद भी उक्त कोटेदार के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में रोष ब्याप्त है।यहां के राशन लाभार्थियों ने बताया कि अक्सर लोगों का नाम राशन सूची से गायब करवा दिया जाता है और दुबारा नाम चढ़वाने के लिए जरूरी कागजात व सौ से दो सौ रुपए की वसूली की जाती है उसके बावजूद भी लोगों को तीन तीन महीने दौड़ाया जाता है। वहीं जिनको राशन वितरण किया जाता है उन लोगों को भी पूरा राशन नहीं दिया गया है।
कुछ लोगों का फिंगर प्रिंट लेने के बाद भी राशन नहीं दिया गया। लोगों के फिंगर प्रिंट के बिना भी राशन खारिज लिया जाता है। यही नहीं यहां लोग स्वर्ग से आकर अन्त्योदय के लाभार्थी राशन ले जाते हैं। गांव के ही दिब्यांग राजेश कुमार कुमार ने बताया कि उसकी नानी का 19 जनवरी 2018 में स्वर्गवास हो गया था जिनका अन्त्योदय का राशन कार्ड बना था और उनका राशन कोटेदार द्वारा बिना फिंगर प्रिंट लिए अभी तक खारिज कर लिया जाता है। जबकि वहीं उसका नाम राशन सूची से काट दिया गया है। जिसके लिए उसे महीनों से दौड़ाया जा रहा है।
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