भागवत कथा श्रवण से ही संभव है जीवन की सार्थकता --आचार्य योगेश्वर

भागवत कथा श्रवण से ही संभव है जीवन की सार्थकता --आचार्य योगेश्वर

प्रतापगढ 




26.05.2022





रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



भागवत कथा श्रवण से ही सम्भव है जीवन की सार्थकता - आचार्य योगेश्वर 




 प्रतापगढ़। प्रतापगढ जनपद के सांगीपुर इलाके के पूरे गंगू मिश्र गांव में बेनीमाधव मिश्र द्वारा आयोजित संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मनोहारी वर्णन करते हुए बस्ती से पधारे कथा व्यास आचार्य योगेश्वर शुक्ल जी महराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से मानव जीवन की सार्थकता है, कारण कि सच्चा सुख केवल भगवान के चरणों में ही सम्भव है। भौतिकता के चक्कर में मानव भक्ति से दूर होता जा रहा है, जबकि मनुष्य को पहले धर्म और भक्ति को प्रमुखता देनी चाहिए। 

आचार्य शुक्ल ने कहा कि भागवत कथा से कल्याणकारी और कोई भी साधन नहीं है, इसलिए व्यस्तता में भी समय निकालकर भागवत कथा का श्रवण और अनुश्रवण करना चाहिए। भागवत कथा सुख, समृद्धि और वैभव प्रदान करने के साथ ही कल्याणकारी है। यह एक ऐसी औषधि है, जिससे जन्म-मरण का रोग मिट जाता है। 

कथा ब्यास ने कहा भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक व्याप्त होता है तब-तब भगवान श्रीहरि विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सरस वर्णन करते हुए गोपी गोपिकाओं और भगवान कृष्ण के अद्भुत प्रेम को रेखांकित किया वहीं सुमधुर संगीत के बीच भजन से श्रोता मंत्रमुग्ध दिखे। पूतना वध समेत श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं की कथा से लोग भावविभोर हो चले। स्वागत प्रदीप मिश्र व सतीश मिश्र ने किया। इस मौके पर देवेन्द्रनाथ त्रिपाठी, राजेंद्र मिश्र, बृजेश मिश्र, श्यामलाल पांडेय, अवधेश बहादुर सिंह, बाबा लोमस गिरि, लोकेश पांडेय, संदीप मिश्र, भूपेंद्र पांडेय, रामउजागिर यादव व व्यापार मंडल घुइसरनाथ के अध्यक्ष अखिलेश मिश्र समेत बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी रही।

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