उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रदेश के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से हो रही हैं आत्मनिर्भर

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रदेश के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से हो रही हैं आत्मनिर्भर

प्रतापगढ 



31.12.2021




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से हो रही है आत्मनिर्भर




प्रदेश में संचालित उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य है कि ग्रामीण गरीब महिलाओं को सक्षम और प्रभावशाली संस्थागत मंच प्रदान कर उनकी आजीविका में निरन्तर वृद्धि करना, वित्तीय सेवाओं तक उनकी बेहतर और सरल तरीके से पंहुच बनाते हुये उनकी पारिवारिक आय को बढ़ाना है। ग्रामीण महिलाओं को समूहो के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रसंशनीय कार्य किये है। सरकार ने वर्तमान में मिशन के अंतर्गत 58 लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्र के परिवार की महिलाओं को कुल 5,52,673 स्वयं सहायता समूहों, 25205 ग्राम संगठनों एवं 1387 संकुल स्तरीय संघो से आच्छादित किया गया है। आजीविका सम्बंधित गतिविधियो को प्रोत्साहित करने हेतु अभी तक कुल 358404 स्वयं सहायता समूहों को रिवाॅल्विंग फण्ड, 227166 स्वयं समूहों को सामुदायिक निवेश निधि द्वारा लाभान्वित किया गया हैं।  अभी तक मिशन के अंतर्गत 1.98 लाख स्वयं समूहों के सदस्यों को सत्त आजीविका की दिशा में विभिन्न बैंक क्रेडिट लिंकेज के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रो में गाँव मे ही वित्तीय लेन देन एवं विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने एवं प्रोत्साहित करने की दिशा में 58 हजार बी0सी0 सखी में से 35908 से अधिक बीसी सखी को आरसेटी के माध्यम से आई0आई0बी0एफ0 द्वारा प्रशिक्षण एवं प्रमाणीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया हैं। जिससे से 16876 बीसी सखी द्वारा कार्य प्रारम्भ किया जा चूका हैं। प्रदेश के 43 जनपदों के 204 विकासखण्डों में पुष्टाहार उत्पादन एवं आंगनबाड़ी केन्दों को वितरण कराने हेतु उत्पादन इकाई की स्थापना का कार्य तीव्रगति से किया जा रहा है जिसमें दो पुष्टाहार उत्पादन इकाईयों की स्थापना की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश पाॅवर कारपोरेशन लिमिटेड के साथ अभिसरण के माध्यम से कुल 10743 महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों का चयन किया गया है। जिसमे से 5160 सक्रिय सदस्यों द्वारा 63 करोड़ रूपये का बिल कलेक्शन सबंन्धित कार्य किया गया है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अद्यतन स्थिति के अनुसार 1803 उचित दर की दुकानों का आवंटन स्वयं सहायता समूहों को किया गया है। 

प्रदेश के पंचायतीराज विभाग से अभिसरण के माध्यम से कुल 826 विकास खण्डो में 50772 ग्राम पंचायतो के सामुदायिक शैाचालय का प्रबंधन समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी‘ के अतंर्गत बुंदेलखण्ड क्षेत्र के 05 जनपदों के 601 ग्रामों से 26000 शेयर होल्डर्स सम्मिलित है जिसमें प्रतिदिन 90 हजार किलो दुग्ध का संग्रह एवं कुल रू0 120 करोड़ का भुगतान किया गया हैं। पूर्वांचल क्षेत्र के 5 जनपदों गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मिर्जापुर एंव चन्दौली में बलिनी की दर्ज पर काशी दुग्ध उत्पादक कंपनी का गठन किया जा चुका है।  

प्रदेश सरकार ने मनरेगा के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से सी0आई0बी0 बोर्ड निर्माण के कार्य के अंतर्गत 1,18,390 सी0आई0बी0 बोर्ड बनाने का आर्डर दिया गया है। वर्ष 2020-21 में 20396 स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा 1.57 करोड़ से अधिक मास्क एवं 1223 सदस्यों द्वारा 65312 पी0पी0ई0 किट आदि का निर्माण किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में अभी तक 35 लाख से अधिक मास्क का निर्माण किया जा चुका है। प्रदेश सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को समूहो के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाते हुये उन्हें मजबूत किया है।

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