कवि सम्मेलन में गूंजे राष्ट्र साधना के स्वर
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 27 May, 2022 21:58
- 642

प्रतापगढ
26.05.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
कवि सम्मेलन में गूंजे राष्ट्र साधना के स्वर
प्रतापगढ़।गुरुवार की शाम प्रतापगढ जनपद के लालगंज क्षेत्र के कंजास किठावर में सजी अदब व तहजीब की महफ़िल। शाम 6 बजे से शुरू हुए इस कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में देश के नामचीन कवियों एवं शायरों ने अपनी काव्य साधना से लोगों को सराबोर कर दिया।गंगा जमुनी तहजीब का प्रतीक बना यह विराट कवि सम्मेलन रात्रि के आगमन के साथ-साथ अपनी ऊंचाइयों को छूता चला गया। अलग -अलग काव्य विधाओं के पारंगत सरस्वती पुत्रों ने जन समुदाय के मध्य अपनी रचनाओं की जो प्रस्तुतियाँ दी वह लोगों के मानस पटल को आह्लादित कर गया।आयोजक आर. एल. भैया ने विद्या की देवी सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित करके कवि सम्मेलन की शुरुआत की। आए हुए कवियों का माल्यार्पण करके स्वागत संयोजक अंजनी अमोघ ने किया।लखीमपुर से आईं कवयित्री रंजना सिंह हया की वाणी वंदना से कार्यक्रम का आगाज हुआ । मऊ से आये ओज के कवि पंकज प्रखर ने राष्ट्र भावना से प्रेरित पंक्तियाँ कुछ यूं पढ़ीं कि आओ याद करें उन सबको जिन वीरों ने लहू दिया है,रक्षा हेतु मातृभूमि की हँसते- हँसते गरल पिया है।वाराणसी की कवयित्री विभा शुक्ला ने श्रृंगार की कविता को पढा कि कान्हा तेरी याद में हद से गुजर गए,जीती हूँ लम्हे देख के लम्हे ही मर गए।हास्य कवि दमदार बनारसी ने अपने छंदों एवं व्यंग से लोगों के चेहरे पर मुस्कान विखेरी।लखनऊ से आये ओज कवि योगेश चौहान ने भारत माता की वंदना के गीत प्रस्तुत किये तो संयोजक ओज कवि अंजनी अमोघ ने पढ़ा कि धरा से उठो गगन चूम लो,तिरंगे से लिपटा बदन चूम लो।प्रयागराज से पधारे गीतकार शैलेंद्र मधुर ने पढ़ा गीत कविता है रुबाई है,सूर कबीरा है मीराबाई है।अनूप प्रतापगढ़ी ने पढ़ा कि चलो और मजबूती से रिश्ता सम्भाला जाए,सियासत में न मजहब उछाला जाए।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कानपुर के कवि ध्रुव त्रिपाठी ने पढ़ा कि रास्ता देता नही सागर किसी को प्यार से,छीनी जाती हैं हमेशा कस्तियाँ मझधार से।कवि विपिन मलिहाबादी, अम्बरीष ठाकुर रंजना सिंह हया ने भी अपने काव्यपाठ से लोगों को गुदगुदाया।इस मौके पर तमाम पत्रकारों,समाजसेवियों व क्षेत्रीय कवियों को सम्मानित किया गया।आए हुए अतिथियों का स्वागत सह आयोजक विद्या प्रसाद एवं वेद प्रकाश चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर देवेंद्र त्रिपाठी, हमचंद, शिव कुमार दुबे, धर्मेंद्र पांडेय, शेष नारायण तिवारी, नीरज तिवारी,भूपेश तिवारी,मुकेश मिश्रा,चन्द्र प्रकाश, विजयशंकर,प्रमोद पाण्डेय, धीरज दुबे आदि लोग मौजूद रहे।
Comments